श्रम विभाग में लाखों की संख्या में आवेदन लंबित-सुशील सन्नी अग्रवाल

Lakhs of applications are pending in the Labor Department- Sushil Sunny Agarwal, former president and labor leader of Chhattisgarh Building and Other Construction Workers Board, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

रायपुर (खबरगली) छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के पूर्व अध्यक्ष एवं मजदूर नेता सुशील सन्नी अग्रवाल ने कहा कि जब से छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की नई सरकार बनी है तब से छत्तीसगढ़ के श्रम विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत श्रमिकों के आवेदन लाखों की संख्या में लंबित है, जैसे मिनीमाता महतारी जतन योजना में 4834, मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना में 110049, श्रमिक औजार सहायता योजना में 237729, सिलाई मशीन सहायता योजना में 10238, नौनिहाल छात्रवृति योजना में 20000, निर्माण मजदूर कौशल विकाश योजना में 14370, निर्माण श्रमिक सुरक्षा उपकरण सहायता योजना में 188153, नोनी सशक्तिकरण योजना में 14076, श्रमिकों के बच्चों हेतु निशुल्क गणवेश सहायता योजना में 47345, पंजीयन में कुल 13243 आवेदन लंबित है। यह डाटा श्रम विभाग के ऑनलाइन से प्राप्त आंकड़े हैं।

श्रमिकों से प्राप्त सूचना अनुसार आजकल सभी योजनाओं में जो पूर्व सरकार में 90 दिवस के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को योजनाओं का लाभ मिलता था अब इस सरकार में 1 साल और कुछ योजनाओं में 3 साल तक कर दिया गया है जिसके कारण हमारे श्रमिक साथियों शासन की योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो रहें हैं। संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के हितार्थ संचालित योजनाओं में ऑनलाइन आवेदन तक नहीं हो रहे हैं जैसे ई रिक्शा, सायकल, सिलाई मशीन आदि में। पूर्व भूपेश बघेल की सरकार में जहां श्रमिक महिलाओं को दीदी ई रिक्शा सहायता योजना के अंतर्गत राशि रुपए 1 लाख सीधे उनके खाते में प्रदान किया जाता था, आज बीजेपी की सरकार में उनके लोन अकाउंट में दिया जा रहा है जिसके कारण कई श्रमिकों को खाते में उक्त अनुदान राशि जमा नहीं हो रहा है, जिसके कारण श्रमिक बहनों को लाभ नहीं मिल रहा है।

पूर्व में जब भूपेश बघेल की सरकार थी तब श्रमिकों के बच्चे जो कक्षा 10वीं एवं 12वीं में टॉप 10 की सूची में आते थे उन्हें विभाग की ओर से 1 लाख रुपए, ई स्कूटी के लिए एक लाख रुपए तथा मुख्यमंत्री की तरफ से एक लाख रुपए और हेलीकॉप्टर में घुमाया जाता था। ये कैसा सुशासन है जिसमें श्रमिकों के साथ ऐसा शोषण हो रहा है। संज्ञान में यह भी आया है कि कई जगहों से प्लेसमेंट में कार्य कर रहे कर्मचारियों को जबरदस्ती नौकरी से निकाल दिया गया है तथा ठेका एवं प्लेसमेंट कर्मचारियों को सही समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा हैं और श्रम विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही इन संस्थानों के ऊपर नहीं किया जा रहा हैं, तथा उद्योग एवं कारखानों में स्थानीय लोगों को रोजगार भी नहीं मिल रहा है।

श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी तब प्रतिवर्ष श्रमिकों के सम्मान में मजदूर दिवस को बोरे बासी दिवस के रूप में मनाया जाता था। लेकिन इस बार पूंजीपति हितैषी सरकार ने श्रमिकों का सम्मान तो दूर सुध तक नहीं लिए। ये सुशासन नहीं शोषण की सरकार है। मेरा छत्तीसगढ़ सरकार एवं श्रम मंत्री जी से निवेदन है कि जल्द से जल्द श्रमिकों के लंबित आवेदनों का निराकरण करवाए ताकि समय में उन्हें योजनाओं का लाभ मिल सके।

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