रायपुर (खबरगली) छत्तीसगढ़ में आज से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई। इसी बीच खरीदी व्यवस्था को प्रभावित करने वाले 4 ग्रामीण कृषि विकास अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज होने की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि धान खरीदी में ड्यूटी लगने के बावजूद उन्होंने काम करने से मना कर दिया था। एस्मा (ESMA) के प्रावधानों का उल्लंघन किए जाने पर रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह के निर्देश पर यह कड़ी कार्रवाई की गई है। सूत्रों के अनुसार जल्द ही इन अधिकारियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। सहकारी कर्मचारियों की हड़ताल के बीच सख्ती बढ़ी ध्यान देने योग्य है कि सहकारी समितियों के कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। खरीदी प्रभावित न हो, इसलिए सरकार ने खरीदी से जुड़े कर्मचारियों पर ESMA लागू किया है। सूत्रों का कहना है कि ये 4 अधिकारी न सिर्फ खुद काम से दूर रहे, बल्कि दूसरे अधिकारियों को भी काम रोकने के लिए उकसा रहे थे। इसी कारण इनके खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई की गई है।
पहले दिन 19,464 क्विंटल धान की खरीदी
प्रदेश में पहले दिन 195 उपार्जन केंद्रों पर कुल 19,464 क्विटल धान की खरीदी की गई। हालांकि सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल से खरीदी प्रक्रिया प्रभावित होने की आशंका थी, लेकिन शासन ने विपणन संघ के माध्यम से 2,739 डेटा एंट्री ऑपरेटर नियुक्त कर खरीदी को सुचारु बनाया। कई जिलों में सहकारिता विभाग के कर्मचारियों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।
खरीदी कर्मचारियों पर ESMA लागू
धान खरीदी को निर्बाध रखने के लिए सरकार ने सभी संबंधित कर्मचारियों पर अत्यावश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 (ESMA) तत्काल लागू कर दिया है। पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से इस वर्ष ऑनलाइन टोकन प्रणाली और तुंहर टोकन को व्यापक रूप से लागू किया गया है। आज जारी हुए 2,029 टोकनों में से 1,912 किसानों ने तुंहर टोकन का उपयोग किया। केंद्रों में सुविधाओं की व्यवस्था और निगरानी* उपार्जन केंद्रों पर किसानों के लिए छाया, पीने का पानी, शौचालय और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। हर केंद्र पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जिनसे किसान किसी भी समस्या पर तत्काल संपर्क कर सकते हैं। राज्य स्तर पर हेल्पलाइन 1800 233 3663 भी संचालित की जा रही है।
अनियमितता पर होगी कड़ी कार्रवाई
धान खरीदी को पूर्णतः आधार-आधारित किया गया है। किसानों की बायोमेट्रिक पहचान के माध्यम से ही खरीदी की जाएगी। खाद्य विभाग ने राज्य स्तरीय उड़नदस्ते गठित किए हैं जो औचक निरीक्षण करेंगे। किसी भी प्रकार की अनियमितता मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय स्तर पर निगरानी समितियां और इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीनें भी उपलब्ध कराई गई हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी, व्यवस्थित और समयबद्ध रखा जाए।
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