स्वतंत्र सेनानी का परिवार गरीबी में जीने को मजबूर

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कांकेर जिले के गोटूलमुंडा में जन्मे थे स्वतंत्र सेनानी कंगलू कुम्हार

भानुप्रतापपुर (khabargali @ रिपोर्ट: लीलाधर निर्मलकर)

मानव इतिहास में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पूरी दुनिया के लिए अनोखी मिसाल है। जिसमें सभी वर्गों के लोगों ने जाति, धर्म , पंथ से ऊपर उठकर एवं एकजुटता एक उद्देश्य के लिए अपनी प्राण की आहुति देदी । यह आजादी के दीवानों की कठिन संघर्ष और बलिदान था जिसके परिणामस्वरुप स्वतंत्रता प्राप्ति हुई और 200वर्षो के गुलामी से मुक्ति मिली लेकिन आज यह स्वतंत्र भारत की विडंबना की जिस परिवार के पूर्वज अपनी सारी जिंदगी देश के पराधीनता को खत्म करने में जिंदगी निछावर कर दी । आज स्वतंत्र सेनानी का वही परिवार गरीबी और अभावों कि जिंदगी को मजबूर है। हम बात कर रहे है कांकेर जिले के दुर्गुकोंदल ब्लॉक की ग्राम गोटूलमुंडा में जन्मे स्वतंत्र सेनानी कंगलू कुम्हार जी की जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश की आजादी में झोंक दी ।

कंगलु कुम्हार की जन्म 26 दिसम्बर 1865 को चेमल आमागढ़ हुआ । यह आजादी कि लड़ाई में स्थाई अत्याचार से परेशान होकर शामिल हुए और वह गांव -गांव जाकर आजादी के लिए लोगो के बीच जनजागरूकता किया जिसका असर भी हुआ और लोग भी जुड़ते गए ।

महात्मा गांधी ने झंडा देकर सम्मान किया था

जब महात्मा गांधी दिसंबर 1920 में कंडेल सत्याग्रह पर शामिल होने के लिए पहली बार छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में पहुंचे तो  कंगलू कुम्हार व साथी इदरू केवट ,सुखदेव पातर इस सत्याग्रह में पैदल ही शामिल होने गए थे जहां उन्हें महात्मा द्वारा झंडे देकर सम्मानित किया गया । कंगलु कुम्हार ने जब महात्मा गांधी से मिलने के बाद प्रेरित होकर गांव -गांव में झंडे लेकर झंडा चौक बनाया।

अंग्रेज हटाओ कांग्रेस लाओ का नारा दिया

कंगलू कुम्हार ने ना सिर्फ अग्रेजों के खिलाफ विरोध किया बल्कि वह कांकेर राजवाड़े के दीवान के खिलाफ भी आदिवासियों के साथ मिल कर बेतुकी लगान वसूल रहे दीवान टी . महापात्र के खिलाफ भी जोर शोर से विरोध किया और लोगों को जागरूक करने के लिए वह अंग्रेज हटाओ कांग्रेस लाओ के नारा दिए । इस दौरान वह कई बार जेल भी गए पर इस आजादी के दीवाने ने हार नहीं मानी और उन्होंने दुगना उत्साह से लोगो के बीच आजादी के लिए प्रचार- प्रसार किया ।

जनप्रतिनिधियों ने भी कोई सुध नहीं ली

2 फरवरी 2018 को विधान सभा उपाध्यक्ष व भानुप्रतापपुर विधायक मनोज सिंह मंडावी ने बड़ी जोर शोर से स्वतंत्र सेनानी कंगलू कुम्हार की जयकारा के साथ बड़ी -बड़ी बाते कर कुम्हार परिवार को आश्वासन दिया कि वह सरकारी सुविधा दिया जाएगा जिसका आज तक कुछ नहीं हुआ । बड़ी दुर्भाग्य है कि इस स्वतंत्र सेनानी की जानकारी कांकेर लोक सभा सांसद मोहन मंडावी तक को भी नहीं है तो ऐसे में ये समझा जा सकता है की इस परिवार के साथ अवसर की हिसाब से सिर्फ राजनीति का खेल खेला जाता रहा है ।

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स्वतंत्रता सेनानी स्व.कंगलु कुम्हार का परिवार

 

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स्व. कंगलु कुम्हार के गृह ग्राम को गौरव ग्राम घोषित करने की हुई थी मांग

 

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