उज्जैन (khabargali) महाशिवरात्रि की शाम ज्योतिर्लिंग महाकाल की नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी तट एक साथ 18.82 लाख दीये जगमगा उठी. वहीं पूरे शहर में 21 लाख दीपक जलाए गए. शहर में दीपक जलाने का विश्व रिकार्ड बना. इससे पहले अयोध्या के दीपोत्सव में एक साथ 15 लाख 76 हजार दीये जलाने का रिकॉर्ड था. यह पूरा कार्यक्रम जीरो वेस्ट था. उज्जैन में शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम में 22 हजार वॉलंटियर्स ने 18 लाख दीये जलाने में मदद की. इसके बाद रामघाट पर आतिशबाजी हुई. अयोध्या की तर्ज पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर क्षिप्रा नदी के किनारे घर, प्रतिष्ठानों को भी सजाया गया.
विश्व रिकॉर्ड की हुई घोषणा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह के साथ 11 दीपक जलाकर शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव की शुरूआत की. इसके बाद सायरन बज गया और स्वयंसेवकों ने दीपक जलाना शुरू कर दिया. यहां गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की पांच सदस्यीय टीम भी मौजूद रही, जिन्होंने पांच ड्रोन से निगरानी की. आज केदारेश्वर घाट, सुनहरी घाट, दत्त अखाड़ा घाट, रामघाट और भूखी माता घाट तक लोगों की भीड़ जमा रही. इस अलौकिक और विहंगम नजारे को देखने के लिए सीएम शिवराज सिंह, उनकी पत्नी साधना सिंह और मंत्री मोहन यादव ने नौका विहार किया. सभी दीपक करीब एक घंटे तक जले. शाम सात बजे घाट क्षेत्र की लाइट बंद कर दी गई. इसके बाद ड्रोन कैमरे से वीडियो शूटिंग की गई. फिर विश्व रिकॉर्ड की घोषणा हुई. सीएम को विश्व रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र सौंपा गया.
रात 2.30 बजे खोले गए महाकाल के द्वार, 4 बजे भस्म आरती
महाकाल मंदिर में शुक्रवार रात से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारों को देखते हुए शनिवार सुबह 2:30 बजे ही पट खोल दिए गए थे. इसके बाद महाकाल की भस्म आरती की गई और सुबह चार बजे से भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया गया. भीड़ मैनेज करने के लिए पास लेने वाले लोगों को गर्भगृह के करीब गणेश मंडपम और बाकी श्रद्धालुओं को छत के रास्ते कार्तिक मंडपम से दर्शन कराए गए.
शिवाय बैंड ने दी प्रस्तुति
शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम में दीप प्रज्जवलन मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुए। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए . प्रशासन की ओर से गुना से शिवाय बैंड को बुलाया गया था.
गत वर्ष 11 लाख 71078 दीये प्रज्जवलित किए थे
शिप्रा नदी के किनारे पिछले वर्ष महाशिवरात्रि (एक मार्च 2022) पर सूरज ढलते ही एक साथ 11 लाख 71 हजार 78 दीये प्रज्वलित कर कीर्तिमान बनाया था. गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने इसे दीपों का सबसे बड़ा प्रदर्शन (लार्जेस्ट डिस्प्ले ऑफ ऑयल लैम्प) करार दिया था. विश्व रिकॉर्ड बनने का प्रमाण पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रदान किया. इसके बाद आतिशबाजी कर मां शिप्रा आरती की गई थी। . अभी अयोध्या के नाम है विश्व रिकॉर्ड वर्तमान में दीपों के सबसे बड़े प्रदर्शन का रिकॉर्ड अयोध्या के नाम है. 23 अक्टूबर 2022 को वहां 15 लाख 76 हजार दीप एक साथ जलाने का रिकॉर्ड अंकित हुआ था. इससे उज्जैन में बना रिकॉर्ड टूट गया था. अब अयोध्या का रिकॉर्ड उज्जैन में तोड़ा गया.
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