वायनाड (khabargali) ज़िले में मंगलवार को भूस्खलन से मरने वालों का आंकड़ा 123 तक पहुंच गया है. इससे पहले सीएम पिनाराई विजयन ने शाम में जानकारी दी थी कि हादसे में 93 लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही 90 लोगों की तलाश अभी जारी है और 131 लोग अस्पताल में भर्ती हैं. सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात एक से चार बजे के बीच तीन भूस्खलनों ने वायनाड के चूरालमाला, मुंडाक्कई जैसे इलाकों में भारी तबाही मचाई.
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, "मरने वालों की संख्या अब 123 हो गई है." उन्होंने ये भी जानकारी दी कि सूरज ढलने के बाद भी सेना, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ़, दमकल कर्मियों की मदद से बचाव अभियान चल रहा था. अधिकारी ने कहा कि भूस्खलन से प्रभावित इलाकों में अभी भी मूसलाधार बारिश हो रही है लेकिन बचाव कार्य जारी है.
मुंडाक्कई चाय के बगानों वाला एक छोटा सा कस्बा है जबां असम और पश्चिम बंगाल के लोग बड़ी संख्या में काम करते हैं. एनडीआरएफ़ और दमकल कर्मियों के बचाव दल के सामने सबसे बड़ी मुश्किल चूरालमाला और मुंडाक्कई के बीच पुल का बह जाना है.
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सेना से भूस्खलन प्रभावित दो अहम जगहों पर अस्थायी पुल बनाने के लिए मदद मांगी है. लेकिन सेना के वहां पहुंचने से पहले ही एनडीआरएफ़ ने रस्सियों के सहारे शवों को बाहर निकाला और घायलों को अस्पताल पहुंचाया.
चूरालमाला और मुंडाक्कई में बचाव कार्य जारी रहने ते बीच कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से ऐसी ख़बरें भी मिली हैं कि मल्लपुरम के निलांबुर वन क्षेत्र और चलियार नदी में भी इंसानी शरीर के कुछ हिस्से तैरते दिखे हैं. अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस इलाके में कम से कम 30 शव मिले हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 250 से अधिक लोगों को बचा लिया गया है.
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