23 अप्रैल 2019 -आज विश्व किताब दिवस
रायपुर (खबरगली) देश की एकमात्र कार्टून पत्रिका कार्टून वॉच एवं इंडिया सीएसआर के संयुक्त तत्वावधान में विश्व किताब दिवस पर अखिल भारतीय कार्टून प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें देश के अलावा विदेशों से भी प्रविष्टियां आईं. कार्टून वॉच के सम्पादक त्रयम्बक शर्मा ने बताया कि आज नई पीढ़ी किताबों के प्रति उदासीन है और मोबाइल, लैपटाप और कम्प्यूटर में ही उलझकर रह गई है. किताबें आज हाशिये पर चली गई हैं. श्री शर्मा ने बताया कि नई पीढ़ी आज जिस तनाव से गुजर रही है उसका असली कारण उसका किताबों से दूर होना है. किताबें धैर्य और एकाग्रता मांगती हैं जो आज की तकनीक नहीं दे सकती. इसी उद्देश्य से किताबों का महत्व विषय पर अखिल भारतीय कार्टून प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें नगद पुरस्कार प्रदान किये जा रहे हैं.
इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रहे जम्मू कश्मीर के मनोज चोपड़ा और दिल्ली के मनोज कुरील, दूसरे स्थान पर रहे हैदराबाद के कलाधर बापू और बैंगलोर के विनोद आचार्या वहीं तीसरे स्थान पर केरल के मधुसूदन और नेल्लोर के के. श्रीनावासालू रहे. इनके अलावा तीस कार्टूनिस्टों को विशेष पुरस्कार प्रदान किये जा रहे हैं. जिनमें बी.वी. पाण्डुरंगा राव, रघुपति श्रृंगेरी, वर्चस्वी, के.के. वल्लूरी, हरि वेंकट, शब्बीर, संजय मोरे, सुरेश वेग्गा,
पार्थवी सिंह, गंगाधर वीरला, एस जयदेव बाबू, सुधीर पगारे, यतीश शेट्टीगर, वेंकटेश, प्रशांत जैन, अलंकार गोस्वामी, सुप्रभो राय, तेनसिंह, वी नागराज, के प्रभाकर, आनंद, अप्पाराव, एम एम मुरली, मोहन कुमार अनंत, भूपति टूनिकी, दिनराज, नागिशेट्टी और कांेडा रवि प्रसाद शामिल हैं. इनमें ज्यादातर लोग आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, झारखंड और छत्तीसगढ़ से हैं. इंडिया सीएसआर के रूसेन कुमार ने कहा है कि उन्होंने कार्टून वॉच के साथ पूर्व में भी एतिहासिक कार्टून प्रतियोगिताएं आयोजित की हैं जिसमें सैनिटेशन और सीएसआर प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने हाल ही में एक किताब लिखी है जिसका शीर्षक है कब पढेंगे आप ?
इसी किताब के विमोचन पर यह विचार आया कि क्यों न इस विषय पर कार्टून प्रतियोगिता करायी जाये. श्री रूसेन ने कहा कि वे आगे भी कार्टून वॉच के इस अभियान से जु़ड़े रहेंगे और नये नये विषयों पर कार्टून प्रतियोगिताएं आयोजित करने में सहयोग करेंगे जिससे कार्टून वॉच नये नये विषयों पर यू ट्यूब में एतिहासिक कार्टून म्यूजियम बनाता रहे.
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