70 सालों से है फूल चौक युवा संघ गणेशोत्सव की धूम, आज शिव भस्म आरती थीम पर निकलेगी झांकी

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रायपुर (खबरगली) राजधानी में गणेश प्रतिमा स्थापित करने का इतिहास लगभग 100 साल पुराना है। उसी कड़ी में आज से 70 वर्ष पूर्व सन 1949 में फूलचौक में स्वर्गीय  प्यारे लाल सिंह ठाकुर ने जिस स्थान पर गणेश जी की स्थापना की ठीक उसी जगह पर आज भी  गणेशोत्सव की धूम मची रहती है. 20 वर्ष तक लगातार स्वर्गीय प्यारे लाल सिंह ठाकुर के नेतृत्व में गणेश स्थापना के बाद स्वर्गीय विमल सिंह चौहान ने इसकी जिम्मदारी उठाई. उनके 15 साल बाद प्रदीप चौहान ने उसके  बाद सन 2005 से बजरंग चौहान बतौर अध्यक्ष फूल चौक युवा संघ गणेशोत्सव की जिम्मदारी संभालते आ रहे हैं.

रहता है हर साल फूल चौक की झांकी का आकर्षण

समिति के अध्यक्ष बजरंग चौहान ने खबरगली को बताया कि पिछले 15 साल से हमारी समिति की झांकी का शहरवासियों को रहता है इंतजार. बजरंग ने बताया कि अब तक वर्षवार कालीमाता, दुर्गा माता, अन्ना हज़ारे, उज्जैन महाकाल, ब्राह्मण अवतार, जगत काली, दुर्गा माता जगराता, बोल बम, साई बाबा, बजरंग बली, राम दरबार, सुआ नाच , लक्ष्मी पूजा जैसे थीम पर झांकियां निकाली है और हर बार ढ़ेरों पुरूस्कार समिति ने प्राप्त किया है।

आज रहेगा शिव के भस्म आरती की धूम

समिति के अध्यक्ष बजरंग चौहान ने बताया कि राजनांदगांव से आई है झांकी. झांकी के साथ 25 लोग कर्मचारी भी आए हैं जो संभालेंगे झांकी को प्रतिमा विसर्जन तक बजरंग ने बताया कि मंहगाई की मार झांकी में पड़ गई है  3 लाख 20 हजार रुपए में आई हैं  भस्म आरती की झांकी.

एक समय था जब लोहार चौक में महरू दाऊ के गणेश पंडाल में रहती थी भीड़

 उल्लेखनीय है कि लोहार चौक में महरू दाऊ द्वारा बिठाए गए गणेशजी को देखने प्रदेशभर से लोग पहुंचते थे क्योंकि यहां गणेशजी कांच के पंडाल के अंदर विराजित रहते थे. अंदर घुसते ही व्यक्ति के अपने कई प्रतिबिम्ब दिखते थे. इसे देखने लोगों में काफी उत्साह रहता था। लोहार चौक में सुखरू लोहार द्वारा स्थापित गणेशजी भी लोगों के आकर्षण का केंद्र रहता था. 
अन्य पुरानी गणेश उत्सव समितियों में प्रमुख हैं- नवयुवक गणेश उत्सव समिति, पुरानी बस्ती, जय माता दी गणेशोत्सव समिति, मंगल बाजार, बाल युवा एकता गणेशोत्सव समिति, श्री नवनिर्माण गणेशोत्सव समिति, राठौर चौक, फूल चौक गणेशोत्सव समिति, कांति संघ गणेशोत्सव समिति, पुरानी बस्ती थाना चौक,
बालाजी समिति, सप्रे मैदान.

50 साल पहले शहर में विसर्जन झांकी निकालने की परंपरा शुरू हुई थी

50 साल पहले शहर में विसर्जन झांकी निकालने की परंपरा शुरू की गई थी.  तब सभी छोटी-बड़ी गणेश प्रतिमाओंं का विसर्जन पुरानी बस्ती स्थित खोखो तालाब में किया जाता था. 25 साल पहले लोगों ने छोटी प्रतिमाओं का विसर्जन बूढ़ातालाब में करना शुरू किया. 10 साल पहले से प्रतिमाएं खारुन नदी में विसर्जित की जा रहीं हैं.
 

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