रायपुर (khabargali) राज्य में 76 फीसदी आरक्षण दिए जाने संबंधी विधेयक को लेकर राजभवन और राज्य की भूपेश सरकार के बीच टकराव अब गंभीर रुख लेता दिख रहा है। विधेयक को मंजूरी देने के पहले राजभवन सरकार से दस सवालों के जवाब पर अड़ा हुआ था। राज्य सरकार ने राज्यपाल अनुसुईया उइके को इन सारे सवालों का जवाब विस्तार से भेज दिया है। साथ ही साथ आरक्षण पर राज्य सरकार के फैसले के पीछे के तर्कों या आधार की जानकारी भी दी गई है। बताया गया कि राजभवन फिलहाल जवाब का अध्ययन कर रहा है। इस बात के संकेत भी हैं कि राजभवन कुछ बिंदुओं पर और ज्यादा स्पष्टता के लिए आरक्षण विधेयक को लेकर कुछ और सवाल राज्य सरकार से पूछ सकता है।
आरक्षण विधेयक को राजभवन में रोके जाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल फिर जमकर बिफरे। मंगलवार को उन्होंने दो टूक कहा कि राजभवन के विधिक सलाहकार एकात्म परिसर में बैठते हैं। राज्यपाल भी भाजपा नेताओं के दबाव में हस्ताक्षर नहीं कर रहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल के अधिकार नहीं होने और अफसरों के मना करने के बावजूद सवालों का जवाब भेजा। अब ये फिर मीनमेख निकाल रही हैं। कुल मिलाकर उन्हें विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करना है। वो अनिश्चितकाल तक लटकाने के लिए बहाना ढूंढ रही हैं।
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