
विगत एक माह से भिलाई में कॉल सेंटर खोलकर दिल्ली एवं फरीदाबाद के आरोपियों द्वारा किया जा रहा था, ऑनलाईन गिरोह का सचांलन
फर्जी ई-सिम का उपयोग कर कम्प्यूटर / लैपटाप मे फर्जी लिंक के माध्यम से वायरस / बग भेजकर सुधारने के नाम पर किया जाता था ठगी
दुर्ग-भिलाई (खबरगली) भारत मे आपराधिक गिरोह का संचालन कर यू.एस.ए. एवं कनाडा मे सायबर ठगी को अंजाम देने वाले अंतरराष्ट्रीय सायबर ठगी गिरोह का खुलासा पुलिस ने किया है। मामले में 7 पुरुष व 2 महिला सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं। टेलीग्राम एप्प के माध्यम से सायबर ठगी को अंजाम दिया जाता था। विगत एक माह से भिलाई में कॉल सेंटर खोलकर दिल्ली एवं फरीदाबाद के आरोपियों द्वाराऑनलाईन गिरोह का सचांलन किया जा रहा था। यू.एस.डी.टी. एंव क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से डॉलर के रूप में ई-वॉलेट में ठगी का रकम प्राप्त किया जाता था।
एसएसपी विजय अग्रवाल व एएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से 12 नग लैपटाप, नग 14 मोवाईल सहित विभिन्न बैंको के एटीएम एवं अन्य दस्तावेज, कम्प्यूटर संबंधी अन्य उपकरण, एक होण्डा एक्टीवा नगदी रकम नगदी रकम 2,55,000/- रूपये जुमला किमती लगभग 13,00,000/- का सामान बरामद किया गया है। प्रकरण में गिरोह के सरगना फरीदाबाद निवासी अर्जुन शर्मा को पुलिस रिमांड पर लेकर विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
5 जुलाई को मुखबीर से सूचना प्राप्त हुआ कि चौहान टाउन में कुछ पुरुष एवं महिला मिलकर अवैध रूप से कॉल सेंटर चलाकर अवैध रूप से ऑनलाईन इंटरनेट एवं लैपटाप अन्य इलेक्ट्रानिक साधनों का उपयोग कर सायबर अपराध से धोखाधडी की रहे है, सूचना पर नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर के नेतृत्व में थाना सुपेला एवं चौकी स्मृति नगर की टीम गठित कर सूचना की तस्दीकी एवं कार्यवाही, हेतु निर्देशित किया गया. जिस पर पुलिस टीम द्वारा सूचना पर पुलिस टीम द्वारा त्वारित कार्यवाही करते हुये चौहान टाउन बी/2 में दाबिश दी गई, दाबिश में उपरोक्त मकान में 06 पुरुष एवं 02 महिलाये एवं होटल बेल में रूके मुख्य सरगना अर्जुन शर्मा को दाबिश देकर हिरासत में लिया गया। सूझ-बूझ एवं तकनीकी माध्यम से पूछताछ कर आरोपीगणों संतोष थापा, पियाली देव, रिया राय, विशाल कर, विवेक देव, मुकेश चंद्रनाथ, अमित कुमार सिंह, अनिस आर्यन, द्वारा अर्जुन शर्मा द्वारा बताया गया कि हर्ष अवस्थी एवं सम्यक के साथ मिलकर फर्जी ई-सिम से इन्टरनेशनल मोबाईल नंबर के माध्यम से फर्जी कुटरचित पेज अधिकांशत: यूएस.ए. के नागरिको के कम्प्यूटर *मोबाईल में बग (वायरस) भेजकर एवं स्वत: आय हुये बग (वायरस) को हटाने के लिए उपरोक्त पेज का इस्तेमाल कर एवं सम्यक द्वारा अपना इन्टरनेशल नंबर प्रदर्शित कर आये कॉल को उपरोक्त आरोपीगणों के लैपटाप में ट्रांसफर कर फिर आरोपीगणों के अन्य सिस्टम में ट्रांसफर कर लोगो को बग (वायरस) हटाने के लिए छलपूर्वक प्रेरित कर यू.एस. डॉलर 80 से 200 डॉलर ऐठने के लिए विभिन्न प्रवचना कर सम्यक से ई-वालेट प्राप्तकर क्रिप्टो करेसी के माध्यम से रकम आते ही सामने वाले व्यक्ति का एंटी वायरस के माध्यम से सिस्टम किलियर कर दिया जाता था, एवं सिस्टम में भेजी गयी जानकारी हट जाती थी, एवं उक्त ठगी के शिकार व्यक्ति के मोबाईल नंबर को ब्लाक कर दिया जाता था।
प्रकरण के मुख्य आरोपी अर्जुन शर्मा द्वारा ठगी के शिकार व्यक्ति को डॉलर में पेमेट हेतु सम्यक के द्वारा उपल्बध कराये गये ई-वालेट में न्क्र एवं क्रिप्टो करेसी के माध्यम से पेमेट कराया जाता था। जिसके लिए भी टेलीग्राम एप्प का उपयोग किया जाता था। एवं सम्यक के द्वारा ठगी से प्राप्त रकम का 15 से 20 प्रतिशत हिस्सा कमीशन के रूप में रखकर हवाला के माध्यम से अर्जुन शर्मा को रकम उपल्बध कराया जाता था। जिसमें से अर्जुन शर्मा द्वारा कस्टमर केयर में काम करने वाले आरोपीगणों को 25000/-रू. से 30000/-रू. सैलरी के रूप में रकम प्रदाय किया जाता था।
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