बढ़ती महंगाई से नहीं मिलने वाली है राहत, बिगड़ रहा किचन का बजट
नई दिल्ली (khabargali) कोरोना वायरस महामारी अभी खत्म नहीं हुई और इस बीच आम लोगों के लिए एक और बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है. बढ़ती महंगाई ने आम लोगों की जेब ढीली करनी शुरू कर दी है.महंगाई की मार ने सपनों के आशियाने पर ग्रहण लगा दिया है. निचले तबके और मध्यम वर्ग के लोगों को घर बनाना तो दूर घर की मरम्मत कराने तक के लिए सोचना पड़ रहा है. सीमेंट, रेत, बजरी, लोहा के साथ ही रंगाई-पुताई का सामान तक महंगा हो गया है.अब घरेलू गैस भी दूगनी महँगी होने वाली है. हाल के दिनों में ईंधन की कीमतों में रिकॉर्ड इजाफा देखने को मिला है अप्रैल से खाना बनाना और भी महंगा हो सकता है.
दुनियाभर में गैस की भारी किल्लत हो गई है और अप्रैल से इसका असर भारत पर भी दिखने लग सकता है जिससे यहां भी गैस की कीमतें दोगुनी हो सकती हैं. वैश्विक स्तर पर गैस की किल्लत होने से सीएनजी (CNG), पीएनजी (PNG) और बिजली की कीमतें बढ़ जाएंगी. वाहन चलाने के साथ फैक्टरियों में उत्पादन की लागत भी बढ़ जाएगी. सरकार के फर्टिलाइजर सब्सिडी बिल में भी इजाफा होगा .
रूस, यूरोप को गैस सप्लाई करने का एक बड़ा स्रोत है, यानी यूक्रेन संकट के कारण उस पर असर पड़ सकता है. वैश्विक अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के प्रकोप से बाहर जरूर निकल रही है. लेकिन दुनियाभर में ऊर्जा की बढ़ती मांग की वजह से इसकी आपूर्ति में कमी आ सकती है. यही वजह है कि गैस की कीमतों में काफी तेजी आई है. यूक्रेन संकट के कारण जंग की स्थिति बनती दिख रही है जिसका असर चौतरफा दिख रहा है. और अब गैस पर भी असर पड़ सकता है.
वैश्विक स्तर गैस की कमी का असर अप्रैल से दिखने लगेगा, जब सरकार नेचुरल गैस की घरेलू कीमतों में बदलाव करेगी. एक्स्पर्ट्स के अनुसार, 2.9 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढ़ाकर 6 से 7 डॉलर किया जा सकता है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुताबिक, गहरे समुद्र से निकलने वाली गैस की कीमत 6.13 डॉलर से बढ़कर करीब 10 डॉलर हो जाएगी. कंपनी अगले महीने कुछ गैस की नीलामी करेगी. इसके लिए उसने फ्लोर प्राइज को क्रूड ऑयल से जोड़ा है, जो अभी 14 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है.
- Log in to post comments