छपसंमं क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर की कार्रवाई
पर्यावरण को हुई क्षति का मुआवजा भी वसूला जाएगा
रायपुर (khabargali) मुख्यालय छ.प.सं.मं.नया रायपुर के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर ए.सी.मालू के निर्देश के अनुक्रम में, छ.ग.प.सं.मं. रायपुर क्षेत्रीय अधिकारी पी.के.रबडे के निर्देशानुसार , प्रसन्ना सोनकर सहायक अभियंता अपनी टीम के साथ दिनांक 28/03/2024 की शाम मेसर्स विश्ववामित्र पैकेजिंग सोनडोंगरी रायपुर छग का निरीक्षण किया , निरीक्षण के समय शिकायत कर्ता सत्यकर्मा वेलफेयर फाउंडेशन सोसाइटी की अध्यक्ष भी उपस्थित थी। स्थल में 2800 किलो कैरी बैग जप्त किया गया और फैक्ट्री को सील किया गया।
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान संबंधित फैक्ट्री संचालक को बार-बार संपर्क किया गया संचालक के द्वारा फोन नहीं उठाया गया।विश्वामित्र पैकेजिंग की ओनर विभा दुबे सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की अनुमति लिए बगैर ही कैरी बैग का निर्माण कार्य कर रही थी। पर्याप्त सर्टिफिकेट ना होने की वजह से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई। तथा साथ ही पर्यावरण को हुई क्षति का मुआवजा भी वसूला जाएगा।
क्या कहता है पर्यावरण संरक्षण अधिनियम
पर्यावरण सुरक्षा एवं पर्यावरण में सुधार करने के उद्देश्य से पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम (Environment Protection Act-EPA), 1986 भारत सरकार द्वारा अधिनियमित किया गया था। यह अधिनियम केंद्र सरकार को पर्यावरण प्रदूषण को रोकने और देश के विभिन्न हिस्सों में विशिष्ट पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिये अधिकृत करता है। यह अधिनियम पर्यावरण के संरक्षण और सुधार हेतु सबसे व्यापक है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 253 के तहत अधिनियमित किया गया था, जो अंतर्राष्ट्रीय समझौतों को प्रभावी करने के लिये कानून बनाने का प्रावधान करता है। संविधान का अनुच्छेद 48A निर्दिष्ट करता है कि राज्य पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने तथा देश के वनों एवं वन्यजीवों की रक्षा करने का प्रयास करेगा।
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