सभी पर था 1.36 करोड़ इनाम, लगातार 10 घंटे चला अभियान
गढ़चिरौली / जगदलपुर (khabargali) गढ़चिरौली में शनिवार को हुई मुठभेड़ में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। इस पूरे ऑपरेशन को महाराष्ट्र पुलिस की स्पेशल फोर्स C-60 ने अंजाम दिया। करीब 10 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में जवानों ने 1.36 करोड़ के 26 माओवादियों को मुठभेड़ में ढेर किया है, जिनमें 6 महिला माओवादी भी शामिल हैं। इन सभी नक्सलियों की शिनाख्त भी हो गई है। मारे गए 26 नक्सलियों के शव को लेकर जवान रविवार को गढ़चिरौली मुख्यालय लौट आए हैं। साथी जवानों ने ऑपरेशन को सफल बनाने वाली टीम का ढोल बजाकर स्वागत किया गया। मारे गए नक्सलियों में एक 50 लाख रुपए का इनामी नक्सली मिलिंद उर्फ दीपक उर्फ जीवा भी शामिल है। यह नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। इसके अलावा 16 लाख रुपए का इनामी महेश उर्फ शिवाजी गोटा भी शामिल है। यह नक्सली छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के जगरगुंडा का निवासी था। जवानों ने लोकेश उर्फ मंगू पोडयाम कंपनी कमांडर 4 को भी मार गिराने में सफलता पाई है। इस नक्सली पर सरकार ने 20 लाख रुपए का इनाम रखा गया था। मारे गए अन्य नक्सलियों पर 4, 6 और 8 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
बस्तर के 46 लाख के इनामी 7 माओवादी भी मारे गए
गढ़चिरौली में हुई मुठभेड़ में जवानों ने जिन 26 नक्सलियों को ढेर किया है। उनमें से 7 माओवादी बस्तर के हैं। सभी पर 46 लाख रुपए का इनाम घोषित था। सबसे ज्यादा लोकेश पर 20 लाख रुपए का इनाम था। लच्छू और कोसा पर 4-4 लाख, किसन उर्फ जयमन और सन्नू पर 8-8 लाख रुपए का इनाम था। चेतन 2 लाख रुपए का इनामी था। इनमें एक महिला माओवादी भी शामिल है, जिसकी हिस्ट्री खंगाली जा रही है।
3 जवान भी हैं घायल, 29 हथियार बरामद
गढ़चिरौली के SP अंकित गोयल ने बताया कि ये एनकाउंटर बई से 920 किलोमीटर दूर गढचिरौली के घने जंगलों में हुआ। नक्सिलयों के पास हथियारों का जखीरा मौजूद था। कुल 29 हथियार अब तक बरामद किए जा चुके है। इनके पास से 5 AK47, ग्रेनेड लॉन्चर लगी एक AK रायफल, 9 SLR, 1 इंसास, प्वॉइंट 303 की 3 गन, 12 बोर की 9 गन और एक पिस्टल शामिल है। इस मुठभेड़ में 3 जवानों को भी गोली लगी है। तीनों घायल जवानों को नागपुर रेफर किया गया है। उनका इलाज जारी।
जानिए कौन है खूंखार नक्सली मिलिंद?
गढ़चिरौली एनकाउंटर में जवानों ने खूंखार नक्सली मिलिंद को भी मार गिराया है। इस पर 50 लाख रुपए का इनाम घोषित था। यह कई बड़ी घटनाओं में भी शामिल रहा है। यह नक्सलियों को गोरिल्ला युद्ध प्रशिक्षण देने के लिए शिविर आयोजित करता था। इससे प्रशिक्षण लिए कई लीडर आज महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्य में तांडव मचा रहे हैं। मिलिंद की पत्नी भी माओवाद संगठन में थी , जिसे 2011 में गिरफ्तार कर लिया गया है।
C-60 ने दिया है ऑपरेशन को अंजाम
जिस गढचिरौली इलाके में एनकाउटर हुआ वो आने जाने के लिहाज से दुरुह मान जाता है लेकिन सी 60 कमांडो दस्ता इलाके से अच्छी तरह से वाकिफ था। हालांकि इस ऑपरेशन में पुलिस के चार कमांडो घायल हो गए। ये पूरा ऑपरेशन सौम्या मुंडे की अगुवाई में हुआ। सौम्या मुंडे एडिश्नल एसपी हैं। वो आईआईटी से पास आउट हैं और बाद में IPS बने।
29 साल पहले हुआ था गठन
C-60 को नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए ही तैयार किया गया था। इसका गठन 1992 में किया गया था। ये काम गढ़चिरौली के तत्कालीन एसपी केपी रघुवंशी ने किया था। इसमें पुलिस फोर्स के 60 जवान होते हैं। C-60 में शामिल पुलिसकर्मियों को गुरिल्ला युद्ध के लिए भी तैयार किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, बिहार और नागपुर में होती है। C-60 को पहले क्रेक कमांडो के नाम से जाना जाता था।
हर सुबह पेट्रोलिंग, 15 किमी वजन उठाते हैं
बताया जाता है कि C-60 के कमांडोज हर सुबह पेट्रोलिंग के लिए निकलते हैं। ये पेट्रोलिंग 25-25 किमी की भी होती है और कभी-कभी 60 किमी की भी। इस दौरान कमांडोज अपने साथ करीब 15 किलो का वजन लेकर चलते हैं। इसमें उनके हथियार, पानी, खाना, जरूरी सामान, फर्स्ट एड समेत कई चीजें होती हैं। नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में जवानों को डिहाइड्रेशन और पेट से जुड़ी दिक्कतें होने का भी खतरा बना रहता है। जंगली इलाकों में मलेरिया वाले मच्छरों और सांपों के काटने का भी डर बना रहता है।
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