
बोधघाट परियोजना पर व्यय की अद्यतन स्थिति का मामला भी उठाया
पीएम आवास पर विपक्ष हुआ असंतुष्ट, किया वाकआउट
अंडे का मुद्दा उछला, मुर्गियों के कम अंडे देने का मुद्दा उठाया धर्मजीत सिंह ने
रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 11 वें दिन आज आज सोमवार को सदन में विपक्ष अपने तीखे सवालों से सत्तादल के मंत्रियों को घेरने में जुटी हुई हैं। ऐसे में दोनों ही पक्षों के बीच नोकझोंक भी देखने को मिल रही हैं।आज भी सदन में एक ऐसा ही नजारा देखा गया जब विपक्षी सदस्य से एक सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ महंत ने बड़ी सादगी से जवाब देते हुए उन्हें समझाया। इस बातचीत से दोनों ही तरफ के मेंबर अपनी हंसी नहीं रोक पाएं।
विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को शून्यकाल में गरीबों के राशन का मुद्दा गूंजा। 600 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए भाजपा सदस्यों ने स्थगन पर चर्चा की मांग की। आसंदी के बीजेपी के स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य करते ही भाजपा सदस्यों ने हंगामा मचाया। शोरगुल के मध्य सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गई। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने पीडीएस को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि चावल में 1 सौ 49 करोड़ का घोटाला हुआ है ये सरकार ने स्वीकार किया है। 4 करोड़ की वसूली हुई है. 5398 दुकानों में स्टॉक में कमी पाई गई है। पीडीएस में गरीबों का निवाला छीनने के लिए चावल, शक्कर, चना, नमक को पोर्टल से हटा दिया गया। 13 हजार 391 दुकानों में 5 हजार 98 दुकानों में गड़बड़ी पाई गई है, मतलब 40 प्रतिशत दुकानों में कम है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में सामने आए राशन घोटाले पर वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि स्वयं राज्य के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत अपने जवाब में स्वीकार कर रहे है कि गुड़,चना, शक्कर,चावल राशन दुकानों में सैकड़ों करोड़ का बचत समान था। उसकी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तथा अतिरिक्त सम्मान सप्लाई कर दी गई। उन्होंने कहा कि मंत्री की यह बात अपने आप में बड़े घोटाले की तरफ इशारा करती है। साथ ही बृजमोहन ने यह भी बताया कि जब केंद्र सरकार ने आंकड़े भेजें उसके बाद राज्य में जांच की कार्रवाई प्रारंभ की गई पर ऑटोमेटिक पोर्टल बंद कर दिया गया या घोटाले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार गरीबों के हक में सेंध लगा रही है। यह गरीबों की थाली से खाना चुराने वाली सरकार है। सरकारी भ्रष्टाचार का यह अनूठा नमूना है जो गरीब परिवारों तक को नहीं बख्श रही। उन्होंने कहा की यह 1000 करोड़ का राशन घोटाला प्रमाणित है बावजूद कांग्रेस की यह सरकार विधानसभा की समिति से जांच कि हमारी मांग को ठुकरा रही है।
सदन में मंत्री भगत ने कहा कि सभी राशन दुकानों की जांच 24 मार्च तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है। जांच के बाद जिन दुकान संचालकों से एक-एक पैसे की वसूली होगी। जो पैसा जमा नहीं करेगा, वह जेल जाएगा। मंत्री भगत ने कहा कि बोगस राशनकार्ड भाजपा सरकार में बनते थे। अब पीडीएस दुकान का ई-पास मशीन से भारत सरकार तीन बार परीक्षण करती है। बचत स्टाक को घटाकर दुकानों को चावल दिया जा रहा है।
विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने कहा कि मंत्री कह तो रहे हैं कि 24 तारीख तक जांच पूरी हो जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके बाद विपक्षी विधायकों नारायण चंदेल, धरमलाल कौशिक, शिवरतन शर्मा, अजय चंद्राकर ने जांच की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। शोर-शराबे के बीच अध्यक्ष महंत ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित की। जब दोबारा कार्यवाही शुुुरू हुई, तब विपक्षी विधायकों ने फिर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी।
बोधघाट परियोजना पर व्यय की अद्यतन स्थिति का मामला उठा
बोधघाट परियोजना पर व्यय की अद्यतन स्थिति का मामला भाजपा के वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सोमवार को विधानसभा में उठाया। जवाब में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि वाप्कोस लिमिटेड गुरूग्राम किसी अन्य राज्य में ब्लेक लिस्टेड होने की जानकारी शासन को नहीं है। प्रश्र काल के दौरान विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सवाल किया कि क्या बोधघाट परियोजना का काम प्रारंभ होने वाला है? यदि हां तो कब से ? यदि नहीं तो क्यों?
जवाब में कृषि मंत्री ने बताया कि वर्तमान में बोधघाट बहुउद्देशीय वृहद परियोजना का सर्वेक्षण एवं अनुसंधान कार्य प्रगति पर है। अत: निर्माण कार्य प्रारम्भ करने की तिथि अभी बता पाना संभव नहीं है। अग्रवाल ने फिर पूछा कि बोधघाट परियोजना के सर्वेक्षण का कार्य किस एजेंसी को दिया गया है? क्या एजेंसी को पूर्व में भी विभाग ने सर्वेक्षण का कार्य दिया था? यदि हाँ, तो कब? क्या इन्होंने उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की है ? यदि हाँ तो कब ? क्या यह एजेंसी किसी राज्य में ब्लेक लिस्टेड है? परियोजना पर अद्यतन कितना व्यय किया जा चुका है? रविंद्र चौबे ने बताया कि बोधघाट बहुउद्देशीय वृहद परियोजना के सर्वेक्षण एवं अनुसंधान तथा भारत शासन के वैधानिक अनुमतियाँ प्राप्त करने का कार्य वाप्कोस लिमिटेड, गुरूग्राम को दिया गया है। जल संसाधन विभाग द्वारा उक्त एजेंसी को पूर्व में सर्वेक्षण का कार्य नहीं दिया गया है। उक्त एजेंसी के किसी अन्य राज्य में ब्लेक लिस्टेड होने की जानकारी शासन को नहीं है। बोधघाट परियोजना के सर्वेक्षण पर अद्यतन रूपये 1250.87 लाख रूपए बारह करोड पचास लाख सतासी हजार) व्यय किया जा चुका है। श्री अग्रवाल ने फिर सवाल किया कि सर्वेक्षण की पूर्णता तिथि क्या थी? क्या सर्वेक्षण पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ तो निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होगी? जवाब में कृषि मंत्री ने बताया कि बोधघाट बहुउददेशीय वृहद परियोजना के सर्वेक्षण एवं अनुसंधान कार्य पूर्णता की तिथि 08.02.2022 थी। वर्तमान में सर्वेक्षण का कार्य प्रगति पर है तथा आंशिक पूर्ण हो चुका है, संबंधित एजेंसी द्वारा सर्वेक्षण कार्य पूर्ण करने हेतु दिनांक 31.08.2023 तक अतिरिक्त समयावृद्धि चाही गयी है।
अंडे का मुद्दा उछला
विधानसभा में आज अंडे का मुद्दा भी उछला। प्रश्नकाल में धर्मजीत सिंह गौठान में अंडा उत्पादन का मुद्दा उठाय। धर्मजीत सिंह ने बताया कि पहले मुर्गियों को गोदरेज का दाना दिया जाता था, जिसकी वजह से अंडे का उत्पादन ज्यादा होता था, लेकिन बाद में मुर्गियों का दाना स्थानीय स्तर पर खरीदा जाने लगा, जिसकी वजह से मुर्गियां अब कम अंडा दे रही है। धर्मजीत सिंह के सवाल पर मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि ऐसी जानकारी नहीं है कि दाने की वजह से मुर्गियां कम अंडा दे रही है। उन्होंने कहा कि हो सकता है मुर्गियां उम्र में ज्यादा हो गयी हो, इसकी वजह से वो अंडा कम दे रही हो। हालांकि दाना की वजह से अंडा उत्पादन प्रभावित हो रहा है, इसके लिए विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे।
पीएम आवास पर विपक्ष हुआ असंतुष्ट
विधानसभा में भाजपा के पुन्नू लाल मोहले ने सोमवार को पीएम आवास योजना का मामला भी उठा। पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे के जवाब से असंतुष्ट होकर भाजपा विधायकों ने वाक आउट कर दिया। प्रश्नकाल के दौरान विधायक पुन्नुलाल ने सर्वे सूची 2011 के अनुसार प्रदेश में पीएम आवास योजना में छूट गए लोगों को क्या फिर से सूची में शामिल किए जाने के लिए कार्यवाही करेंगे क्या? पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि सरकार ने सर्वे कराने का निर्णय लिया है। अप्रैल 2023 में उन सभी पात्र लोगों को शामिल किया जाएगा, जो लोग छूट गए है। मंत्री ने कहा कि हर बार विपक्ष अलग अलग आंकड़े बताते हैं। 16 लाख मकान बाकी नहीं, कुल 16 लाख बनने थे। मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1 लाख 51 हजार 100 स्वीकृत। 2020-21 में 1 लाख 57 हजार 815 आवास स्वीकृत हुए थे। 2021-22 में एक भी नहीं। 2022-23 में 79 हजार पीएम आवास स्वीकृत किए गए हैं। 4 सालों में कुल 3 लाख 87 हजार 915 आवास स्वीकृत, जिसके लिए कुल 676.45 करोड़ राज्यांश की राशि दी गई। विपक्ष ने 2021-22 में छूटे आवास के हितग्राहियों के लिए क्या प्रावधान किए है। इस बात को लेकर खूब हंगामा किया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉक आउट किया।
- Log in to post comments