भारत में इन्फ्लुएंजा एच3एन2 वायरस का बढ़ रहा कहर

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पांच साल से कम उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा

नई दिल्ली (khabargali) भारत में इन्फ्लुएंजा एच3एन2 वायरस के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं। हरियाणा और कर्नाटक के बाद अब गुजरात और बिहार में मरीज मिले हैं। गुजरात में तो पीड़ित महिला की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, इस वायरस के कारण गुजरात के वडोदरा में 58 वर्षीय महिला की मौत हो गई है। सैंपल जांच के लिए पुणे लैब भेजे जाएंगे। यह वायरस स्वाइन फ्लू का म्यूटेटेड वायरस है, जिससे देश में अब तक 3 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं पटना में एक पीड़ित महिला का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों की एक विशेष टीम नजर रखे हुए हैं। केंद्र सरकार पहले ही अलर्ट जारी करते हुए राज्यों को सावधानी बरतने के लिए कह चुकी है।

महाराष्ट्र के पुणे शहर में हालात खराब हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि 5 साल से कम उम्र से बच्चों को एच3एन2 इंफ्लुएंजा से सबसे ज्यादा खतरा है। एच3एन2 इंफ्लुएंजा से पीडि़त ज्यादातर बच्चे सीधे गहन देखभाल इकाइयों (आईसीयू) में भर्ती हो रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि इन रोगियों में से अधिकांश पर दवाओं, विशेष रूप से एंटीबायोटिक दवाओं का असर नहीं हो रहा है।वर्तमान में सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम वाले अस्पताल में भर्ती रोगियों में से, लगभग 92% को बुखार, 86% को खांसी, 27% को सांस फूलने और 16% को घरघराहट के लक्षणों के साथ पाया गया है। एच3एन2 संक्रमण वाले बच्चों में सबसे आम लक्षण तेज बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया हैं। ऐसे बच्चों के ठीक होने की अवधि लगभग 7-8 दिन होती है।

IDSP-IHIP (इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन प्लेटफॉर्म) पर 9 मार्च तक उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2023 में, भारत में H3N2 सहित इन्फ्लुएंजा के विभिन्न उपप्रकारों के कुल 3,038 लैब-पुष्टि मामले देखे गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2 जनवरी से 5 मार्च तक देश में H3N2 के 451 मामले सामने आए हैं।

राजधानी दिल्ली से खबर है कि यहां के अस्पतालों के आईसीयू मे मरीज बढ़ने लगे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के अस्पतालों में कथित तौर पर एच3एन2 इन्फ्लूएंजा रोगियों के आईसीयू में भर्ती होने की संख्या में वृद्धि देखी गई। इनमें से ज्यादातर बीमार और 75 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। डॉक्टरों ने दिल्ली में लोगों को मास्क लगाने की सलाह दी है क्योंकि इस वायरस के कारण लंबे समय तक लक्षणों के साथ गंभीर फ्लू की आशंका है। दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) ने एच3एन2 के लिए 20 बिस्तरों वाला आइसोलेशन वार्ड बनाया है। आइसोलेशन वार्ड में ऑक्सीजन, बीआईपीएपी मशीन, वेंटिलेटर की व्यवस्था है। पिछले कुछ दिनों में एलएनजेपी ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। पहले ओपीडी में प्रतिदिन 1200-1300 मरीज आते थे, अब प्रतिदिन करीब 1600 मरीज आ रहे हैं। ओपीडी में पहले करीब 400 बच्चे आते थे, अब रोजाना करीब 600 बच्चे आ रहे हैं।

एमपी में भी वायरल बीमारियां लगातार बढ़ रहीं हैं। खतरनाक एच3एन2 वायरस के अलावा कुछ अन्य वायरस भी सक्रिय हो गए हैं जिनके मरीज लगातार ओपीडी में पहुंच रहे हैं। दरअसल मौसम में बदलाव के साथ सीजनल बीमारियों के वायरस एक्टिव हो गए हैं। इसके अलावा शहर में कोरोना वायरस के भी छह मामले एक्टिव हैं। सबसे बुरी बात तो यह है कि बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। एच3एन2 वायरस के साथ अन्य 3 प्रकार के वायरस एक्टिव हो गए हैं। गांधी मेडिकल कॉलेज के श्वास रोग विभाग में सीनियर रेजिडेंट डॉ. हरीश पाठक के अनुसार एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस ओपीडी में आने वाले ज्यादातर लोगों को परेशान कर रहा है। इसके अलावा आरएसवी, एडिनो वायरस और राइनो वायरस के मामले भी लगातार ओपीडी में पहुंच रहे हैं।

H3N2 फ़्लू से लड़ने में पोषण महत्वपूर्ण है

 फ्लू से निपटने के लिए तीन चीजें महत्वपूर्ण हैं- मास्क, दवाएं और भोजन। किसी भी संक्रमण और फ्लू से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसे में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए अच्छा और पर्याप्त पोषक आहार महत्वपूर्ण है। फ्लू होने पर अपने आहार पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण है।