
चक्रवात से कई जिलों में 20 CM तक बारिश का अनुमान, 150 KMPH रफ्तार से चल सकती हैं हवाएं
हाई अलर्ट हुआ जारी, स्कूलों में घोषित हुई छुट्टियां, 67 ट्रेनें हुई रद्द
नई दिल्ली (khabargali) खतरनाक बिपरजॉय तूफान का असर कई राज्यों में देखने को मिलेगा। पीएम मोदी ने तूफान के कारण समीक्षा बैठक भी ली। कई राज्यों में इसका हाई अलर्ट जारी कर दिया है। चक्रवाती तूफान बिपोरजॉय (Cyclone Biparjoy) काफ़ी ताकतवर है और इसने अपना रास्ता बदल दिया है। यह अरब सागर से उठा है और यह दूसरा सबसे मजबूत तूफान है। इसे पहले से ही अत्यंत भयानक चक्रवाती तूफान के रूप में जाना जाता है।
अनुमानों के अनुसार 11 जून शाम तक यह मुंबई से 540 किलोमीटर दूर था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 12 जून को रिपोर्ट जारी की है और उन्होंने ठाणे, रायगढ़, मुंबई और पालघर में बारिश के आसार दिए हैं। यहां 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे तेज़ हवाएं चलने की संभावना है। 11 जून शाम से पहले मुंबई और महाराष्ट्र के कई इलाकों में वर्षा हुई। 12 जून की सुबह भी मुंबई में हवाओं की तेज़ गति रही।
एयर इंडिया ने कुछ हवाई यात्राओं में इसके कारण देरी की घोषणा की है। वहीं कुछ यात्राएं रद्द भी हो गई हैं। पहले बिपोरजॉय तूफान पाकिस्तान की ओर जाने वाला था, लेकिन अब यह पूर्व की ओर मुड़ गया है। यह तूफान अरब सागर से उठा है और अब गुजरात और पाकिस्तान के बीच आने की आशंका है। 15 जून तक इसकी भारत-पाकिस्तान सीमा पर टक्कर होने की भी संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार तूफान कल गुजरात और पकिस्तान से टकरा सकता है। इसके साथ ही 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेगी। गुजरात में खतरा ज्यादा होने के कारण 14 और 15 जून को राजकोट में स्कूल और कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई है। साथ ही पश्चिम रेलवे ने तूफान के कारण 67 ट्रेनों को रद्द किया।
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने गुजरात के तट से टकराने से पहले ही खतरनाक रूप अख्तियार कर लिया है। इस चक्रवात की वजह से गुजरात के तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है, जबकि लोगों को इन क्षेत्रों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम भी जारी है। आसपास के इलाकों में भी तेज हवाओं की वजह से पेड़ उखड़ कर गिर गए। दूसरी तरफ समुद्र में नावों को रोकने के लिए कोस्ट गार्ड ने भी गश्ती शुरू कर दी है। एनडीआरएफ की सात टीमों को गुजरात में तैनात किया गया है।
तीन से छह मीटर ऊंची उठ सकती हैं ज्वारीय लहरें: मौसम विभाग-
आईएमडी के महानिदेशक महापात्रा ने कहा, ‘‘आमतौर पर गुजरात के इन इलाकों में इतनी अधिक बारिश नहीं होती। इसलिए इससे निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है।’’ आईएमडी के अनुसार, पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ में भारी से अधिक भारी बारिश होने के आसार हैं। इन जिलों में 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। महापात्र ने कहा, ‘‘ सौराष्ट्र, कच्छ के निचले तटवर्ती इलाकों में तीन से छह मीटर ऊंची ज्वारीय लहरें आ सकती हैं। ऐसे क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए कदम उठाने और अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का सुझाव दिया गया है।’’
कई जिलों में हो सकती है 15-20 सेंटीमीटर तक बारिश-
आईएमडी के अनुसार, गुजरात में कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर जिलों में 15 जून को 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हो सकती है। महापात्रा ने कहा, ‘‘ आमतौर पर इन इलाकों में इतनी अधिक बारिश नहीं होती। इसलिए इससे निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है।’’
तूफान का सर्वाधिक असर 16-17 जून को-
जयपुर मौसम केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक पूर्वी राजस्थान के बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही व उदयपुर में 13 व 14 जून को मेघ गर्जन, वज्रपात व झौंकेदार हवाएं 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। साथ ही हल्की बारिश की भी संभावना है। वहीं, राजस्थान में तूफान का सर्वाधिक असर 16-17 जून को रहेगा। 16 जून को यह डीप डिप्रेशन में बदल जाएगा। इसका क्षेत्र बढ़ेगा, साथ ही सिस्टम की तीव्रता भी बढ़ेगी। पूर्वानुमान के अनुसार कुछ स्थान पर भारी बारिश भी हो सकती है। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।
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