कई मीटर तक फैला धूल का गुबार
नोएडा (khabargali) सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नोएडा के सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर ध्वस्त कर दिए गए हैं. तय समय पर सायरन बजने के साथ ही विस्फोट हुआ और महज 9 से 12 सेकेंड में कुतुब मीनार से भी ऊंची ट्विन टावर की दोनों इमारतें जमींदोज़ हो गई. दूर तक धमाके की आवाज के साथ चारों और धूल और धुआं फैल गया
. ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के लिए 9640 छेद में 3700 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया. इस ध्वस्तीकरण के दौरान मौके पर पुलिस से लेकर एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमें मौजूद रहीं. वहीं, वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पानी के टैंकर का भी इंतजाम किया गया और एंटी स्मॉग गन भी लगाई गई.
डीसीपी (सेंट्रल नोएडा) राजेश एस के अनुसार, ट्विन टावर को ध्वस्त करने से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. करीब 560 पुलिस कर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 लोग, 4 क्विक रिस्पांस टीम और NDRF की टीम को तैनात किया गया था. इंस्टेंट कमांड सेंटर में 7 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. ट्विन टावर ध्वस्त होने में करीब 55,000 से 80,000 टन तक मलबा निकलने का अनुमान है. इसे हटाने में तकरीबन 3 महीने तक का समय लग सकता है. इससे निकलने वाले धूल के कणों से नोएडा और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने की संभावना है.
सियासी बयानबाजी शुरू
नोएडा में भ्रष्टाचार के जीते जागते सबसे बड़े उदाहरण में से एक ट्विन टावर के जमींदोज होने पर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. भाजपा ने ट्विन टावर में भ्रष्टाचार को समाजवादी पार्टी का जीवंत प्रमाण बताया. उत्तर प्रदेश सरकार के दोनों उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने बाकायदा गिराए जाने वाले ट्विन टावर के भ्रष्टाचार में समाजवादी पार्टी को न सिर्फ घेरा है, बल्कि भाजपा के सुशासन की तारीफ भी की है.
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