छत्तीसगढ़ देखेगा भारतीय वायुसेना की शौर्यगाथा...5 नवम्बर को नवा रायपुर में रजत जयंती महोत्सव के दौरान होगा ‘सूर्यकिरण एरोबैटिक शो’

Chhattisgarh to witness the valor of the Indian Air Force – 'Suryakiran Aerobatic Show' to be held on November 5 during the Silver Jubilee celebrations in Nava Raipur, Khabargali

रायपुर (खबरगली) छत्तीसगढ़ की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर राजधानी नवा रायपुर का आसमान 5 नवम्बर को एक ऐतिहासिक दृश्य का साक्षी बनेगा। भारतीय वायुसेना की प्रसिद्ध सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम (Suryakiran Aerobatic Team – SKAT) अपने रोमांचकारी करतबों से छत्तीसगढ़ और देशवासियों को गर्व, उत्साह और देशभक्ति की भावना से भर देगी। यह शो रजत जयंती समारोह का सबसे विशेष आकर्षण होगा।

छत्तीसगढ़ के आकाश में गूंजेगा भारतीय शौर्य

राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित यह एरोबैटिक शो छत्तीसगढ़ की प्रगति, उपलब्धियों और आत्मविश्वास का प्रतीक बनेगा। नवा रायपुर के आसमान में जब सूर्यकिरण टीम उड़ान भरेगी, तब ‘बॉम्ब बर्स्ट’, ‘हार्ट-इन-द-स्काई’ और ‘एरोहेड’ जैसी प्रसिद्ध फॉर्मेशन्स पूरे दर्शक समुदाय को रोमांच और गर्व से भर देंगी। सूर्यकिरण टीम का यह प्रदर्शन छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। यह दिखाएगा कि अनुशासन, तकनीक और टीमवर्क से कैसे असंभव को संभव बनाया जा सकता है। राज्य शासन और भारतीय वायुसेना के संयुक्त प्रयास से आयोजन की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं।

Chhattisgarh to witness the valor of the Indian Air Force – 'Suryakiran Aerobatic Show' to be held on November 5 during the Silver Jubilee celebrations in Nava Raipur, Khabargali

जनसहभागिता से सजेगा रजत जयंती का आकाश

रायपुर और आसपास के जिलों से हजारों नागरिक, विद्यार्थी और परिवार इस एरोबैटिक शो को देखने नवा रायपुर पहुँचेंगे। यह छत्तीसगढ़ की जनसहभागिता और राष्ट्रीय गर्व का जीवंत उदाहरण बनेगा। ‘सूर्यकिरण एरोबैटिक शो’ केवल एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि यह भारतीय वायुसेना के शौर्य, सटीकता और समर्पण का प्रतीक है।

छत्तीसगढ़ की रजत जयंती पर गर्व की उड़ान

5 नवम्बर को नवा रायपुर का आसमान गर्व, रोमांच और देशभक्ति के रंगों से भर उठेगा। सूर्यकिरण टीम का यह ऐतिहासिक शो छत्तीसगढ़ की रजत जयंती को यादगार बना देगा और हर दर्शक के मन में भारत के वीर वायुसैनिकों के प्रति सम्मान और गर्व की भावना जगाएगा। उल्लेखनीय है कि 1996 में गठित सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम भारतीय वायुसेना की सटीकता, साहस और तकनीकी दक्षता का प्रतीक है। अपने गठन के बाद से इस टीम ने भारत की हवाई क्षमता और अनुशासन का भव्य प्रदर्शन देश-विदेश के अनेक मंचों पर किया है। सूर्यकिरण टीम एशिया की एकमात्र नौ विमान की एरोबैटिक डिस्प्ले टीम है, जो भारतीय वायुसेना की तकनीकी क्षमता, अनुशासन और समन्वय की मिसाल मानी जाती है। इनके विमानों की उड़ानें इतनी सटीक होती हैं कि कभी-कभी पंखों के बीच की दूरी पाँच मीटर से भी कम रह जाती है — यही वह कौशल है जो भारत को वैश्विक स्तर पर अलग पहचान देता है।

स्वदेशी तकनीक से आत्मनिर्भर भारत की उड़ान

टीम ने अपनी यात्रा की शुरुआत HJT-16 Kiran Mk-II से की थी। वर्ष 2015 में इसने स्वदेशी तकनीक पर आधारित HAL Hawk Mk-132 Advanced Jet Trainer के साथ नई उड़ान भरी। सूर्यकिरण टीम केवल हवाई करतबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा के लिए प्रेरित करती है।

देश और दुनिया में 700 से अधिक प्रदर्शन

अब तक सूर्यकिरण टीम ने भारत और विदेशों में 700 से अधिक प्रदर्शन किए हैं। श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, ब्रिटेन और थाईलैंड जैसे देशों में इस टीम ने भारत का गौरव बढ़ाया है। टीम ने सिंगापुर एयर शो, दुबई एयर शो और रॉयल थाई एयर फोर्स की 88वीं वर्षगांठ पर भी शानदार प्रस्तुतियाँ दीं। इन प्रदर्शनों ने भारत की तकनीकी क्षमता और रक्षा सहयोग की भावना को दुनिया के सामने रखा है।

खेल और संस्कृति से जुड़ा गौरवपूर्ण अध्याय

2023 में सूर्यकिरण टीम ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में क्रिकेट विश्वकप के दौरान अपने शानदार प्रदर्शन से पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया था। इस अवसर ने खेल और सैन्य गौरव को एक साथ जोड़ने का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। “यह छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत गौरव का अवसर है कि भारतीय वायुसेना की सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम हमारे रजत जयंती समारोह का हिस्सा बनेगी। छत्तीसगढ़ की रजत जयंती के इस ऐतिहासिक अवसर पर यह शो राज्य के विकास, आत्मविश्वास और राष्ट्रीय गौरव की उड़ान का प्रतीक बनेगा। यह प्रदर्शन न केवल हमारे युवाओं में देशभक्ति और गर्व की भावना को प्रबल करेगा, बल्कि उन्हें राष्ट्रसेवा की प्रेरणा भी देगा। मैं प्रदेशवासियों से आह्वान करता हूँ कि वे इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनें और हमारे वीर वायुसैनिकों के कौशल को सलाम करें।"- मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

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