
एफएटीएफ ने बताया मनी लॉन्ड्रिंग का बेजोड़ उदाहरण
नई दिल्ली (khabargali) केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की एक रिपोर्ट का हवाला देकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस का एक के बाद एक भ्रष्टाचार का मॉडल सामने आ रहा है। कभी नेशनल हेराल्ड, कभी दूसरा, कभी तीसरा। उन्होंने कहा कि अब एक विदेशी एजेंसी FATF की केस स्टडी में पाया गया है कि कैसे यूपीए सरकार में एक केंद्रीय मंत्री की ओर से प्रियंका गांधी की पेंटिंग को 2 करोड़ रुपये में खरीदने का दबाव बनाया गया।
अनुराग ठाकुर ने एफएटीएफ की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि एक भारतीय बैंकर ने कांग्रेस के एक सदस्य के करीबी रिश्तेदार (संभवत: प्रियंका गांधी वाड्रा) से राष्ट्रीय पुरस्कारों के बदले कीमत से ज्यादा पैसे चुकाकर कई कलाकृतियां खरीदी थीं। इसमें एक यूपीए सरकार के एक बड़े नेता की खास संबंधी से महंगी पेंटिंग खरीदने कारोबारी की मंजबूर किया गया। हालांकि, इस रिपोर्ट में किसी बैंकर और नेता का नाम नहीं है। सिर्फ मिस्टर ए और मिस्टर आर का जिक्र है।
अनुराग ठाकुर ने कहा, क्या पैसों और पेंटिंग के बदले पद्म भूषण पुरस्कार दिए गए थे। क्या ये कांग्रेस का भ्रष्टाचार मॉडल है? आपने पैसों के लिए कितने राष्ट्रीय सम्मान बेचे? अनुराग ठाकुर एफएटीएफ की मनी लॉ्ड्रिरंग एंड टेररिस्ट फाइनेंसिंग इन द आर्ट एंड एंटीक्विटीज मार्केट नाम की रिपोर्ट का जिक्र कर रहे थे। इस रिपोर्ट में भारत के एक शीर्ष बैंकर से जुड़े मामले का भी हवाला दिया गया है, जिन्होंने स्वार्थ के लिए बेहद आम सी कलाकृतियां ऊंचे दाम पर खरीदी थीं। ईडी ने कुछ समय पहले आरोप लगाया था कि मिलिंग देवड़ा के दबाव में राणा कपूर ने ये पेंटिंग खरीदी थी। ये पैसा बाद में सोनिया गांधी के इलाज में खर्च हुआ।
हालांकि ये पेंटिंग मशहूर कलाकार एमएफ हुसैन ने बनाई थी और इसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को पोट्रे किया गया है। हुसैन ने राजीव की ये पेंटिंग बनाकर गांधी परिवार को गिफ्ट की थी। तब से ये पेंटिंग गांधी परिवार के ही पास थी। 2010 में प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस पेंटिंग की नीलामी की। खास बात ये है कि उस वक्त पेंटिंग खरीदने वाले का नाम था- राणा कपूर. राणा, जो अब विवादों में हैं। पेंटिंग दो करोड़ रुपए में खरीदी गई थी।
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