गैंगस्टर से राजनेता बने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ हुए सुपुर्द-ए-खाक

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इस चौंकाने वाली हत्या के साथ दर्जनों सवाल पुलिस और न्यायिक जांच आयोग के सामने हैं

प्रयागराज (khabargali) प्रयागराज में गैंगस्टर से राजनेता बने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शव को दफना दिया गया। मसारी कब्रिस्तान में देर रात 8 बजे तक इसी कब्रिस्तान में अतीक के बेटे असद को भी एक दिन पहले दफनाया गया था। सुपुर्द-ए-खाक की रस्म के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।

एक वक्त था जब जज भी...

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का अंत इस तरह होगा ऐसा किसने सोचा होगा। एक बार सांसद, पांच बार विधायक रहे माफिया अतीक पर 44 साल पहले पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। तब से अब तक उसके ऊपर सौ से अधिक मामले दर्ज हुए, लेकिन पहली बार उमेश पाल अपहरण कांड में उसे दोषी ठहराया गया और उम्रकैद की सजा हुई। एक वक्त था जब अतीक के केस से जज भी थर्राते थे। अतीक की जमानत याचिका पर सुनवाई से 10 जजों ने खुद को अलग कर लिया था।

घटना छोड़ गई है कई सवाल

इस चौंकाने वाली हत्या के साथ दर्जनों सवाल पुलिस और न्यायिक जांच आयोग के सामने हैं, जिन पर अभी तक पर्दा पड़ा हुआ है। अतीक की सुरक्षा में भारी कमी, क्रॉस फायरिंग क्यों नहीं हुई और रात में उसे मेडिकल के लिए लेकर जाने से लेकर मामूली से शूटरों के पास विदेशी अत्याधुनिक पिस्टल का होना, बहरहाल इस घटना को लेकर राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी का भी गठन किया है। जो अगले दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

हत्यारों ने कहा- लोकप्रिय बनने के लिए ऐसा किया था

गिरफ्तार किए गए तीन हमलावरों लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य ने रविवार को अपना अपराध कबूल कर लिया, उन्होंने कहा कि उन्होंने लोकप्रिय बनने के लिए ऐसा किया था। अभियुक्त अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के तीनों आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए। हमलावरों में से एक लवलेश तिवारी के पिता ने कहा कि उनका बेटा बेरोजगार और नशे का आदी था। पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने कहा कि वे बड़े माफिया बनना चाहते थे और इस तरह हत्याओं को अंजाम दिया। हालांकि, पुलिस अभी इन बयानों पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर रही है, क्योंकि उनके बयान एक-दूसरे के विपरीत हैं। एफआईआर में शूटर्स के हवाले से लिखा है, हम पुलिस के घेरे का अनुमान नहीं लगा पाए और हत्या करके भागने में सफल नहीं हो पाए।पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि तीनों आरोपी पिछले 48 घंटे से प्रयागराज के एक होटल में ठहरे हुए थे।

जेल में हुई तीनों की आपस में दोस्ती

तीनों हमलावर शातिर अपराधी हैं। तीनों ही हत्या, लूट समेत संगीन आरोप में जेल जा चुके हैं। जेल में ही उनकी आपस में दोस्ती हो गई थी। ये तीनों अतीक और अशरफ की हत्या करके डॉन बनना चाहते थे। इसलिए वो कुछ बड़ा करने की सोच रहे थे। पुलिस का दावा है कि तीनों हत्यारों ने कहा कि वह कब तक छोटे-मोटे शूटर बने रहते, इसलिए बड़ा काम किया।

शूटर पत्रकार के रूप में आए थे

उत्तर प्रदेश पुलिस ने रविवार को कहा कि हमलावर अपराध स्थल पर पत्रकार बन कर आए थे। शूटर पत्रकार के रूप में आए थे। जैसे ही अतीक और उसका भाई चेक-अप के लिए पहुंचे, वे अन्य पत्रकारों से घिरे हुए थे। शूटर्स में एक के पास कैमरा था और कैमरामैन के रूप में खुद को दिखा रहा था। दूसरा एक माइक के साथ घूम रहा था जिस पर एनसीआर न्यूज लिखा हुआ था। तीसरा दोनों की मदद कर रहा था।