
गोवा (khabargali) गोवा के शिरगांव गांव में श्री लैराई देवी मंदिर के वार्षिक जुलूस, श्री देवी लैराई यात्रा, के दौरान शुक्रवार देर रात से शनिवार तड़के एक भीषण त्रासदी ने सैकड़ों श्रद्धालुओं के उत्साह को मातम में बदल दिया। इस भगदड़ में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। यह मंदिर गोवा की राजधानी पणजी से करीब 40 किलोमीटर दूर बिचोलिम तालुका में स्थित है। इस हादसे ने न केवल गोवा, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
श्री लैराई यात्रा, जो हर साल मई में आयोजित होती है, गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक से हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। इस उत्सव का मुख्य आकर्षण ‘अग्निदिव्य’ अनुष्ठान है, जिसमें ‘धोंड्स’ नामक श्रद्धालु नंगे पैर जलते अंगारों पर चलकर देवी लैराई की कृपा प्राप्त करते हैं। शुक्रवार को शुरू हुई इस यात्रा में 50,000 से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी। तड़के 4-4:30 बजे के आसपास, अचानक भीड़ में अफरातफरी मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक ढलान वाले रास्ते पर भीड़ अनियंत्रित हो गई, और कुछ लोगों के पैर फिसलने से भगदड़ शुरू हो गई। कुछ सूत्रों ने बताया कि एक संभावित बिजली के झटके ने भीड़ में दहशत फैलाई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। “यह पूरी तरह से अराजकता थी। लोग एक-दूसरे पर गिर रहे थे, चीख-पुकार मची थी, और बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था।
घटना की सूचना मिलते ही आपातकालीन सेवाएं सक्रिय हो गईं। पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवकों ने घायलों को सुरक्षित निकालने के लिए तत्काल बचाव कार्य शुरू किया। गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया कि 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से पांच एम्बुलेंस घटनास्थल पर भेजी गईं, जबकि तीन अन्य को असिलो में और तीन को स्टैंडबाय पर रखा गया।
घायलों को गोवा मेडिकल कॉलेज (GMC), नॉर्थ गोवा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, और असिलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। राणे ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि कुल 30 घायलों में से 8 की हालत गंभीर है, जिनमें 2 को वेंटिलेटर पर रखा गया है। चार लोगों (2 पुरुष, 2 महिला) को अस्पताल लाए जाने पर मृत घोषित कर दिया गया, जबकि 10 लोगों को मामूली चोटों के लिए उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
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