इन 10 बड़ी खूबियों से भरी है नई संसद

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नई दिल्ली (khabargali) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह नए संसद भवन का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह पूरा होते ही भारत के नए संसद भवन ने भारत के 96 साल पुराने संसद भवन का स्थान ले लिया है. नई संसद कई मायनों में अद्भुत और अनोखी है । हमारा नया संसद भवन देश की विभिन्न संस्कृति को दर्शा रहा है, नया संसद भवन कई खूबियों से लैस है और इसकी सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा गया है। साथ ही ये हाईटेक सुविधाओं से लैस देश के लोकतंत्र को एक अलग और अनोखी पहचान दे रहा है। हाईटेक इक्विपमेंट के साथ राज्यसभा-लोकसभा हॅाल, सहित कमेटी मीटिंग, कैफे, डाइनिंग एरिया जैसे तमाम फैसिलिटी की मौजूदगी हमारी नई संसद को काफी आधुनिक और सुविधाजनक बना रही है । दिल्ली की बढ़ते भूकंप के खतरे को देखते हुए इससे बचने या झेलने के लिए इसे जोन 5 में मजबूत झटके झेलने के लिए मजबूत बनाया गया है।

तो आइये हमारी नए ससंद भवन की कुछ कमाल की 10 बड़ी खूबियां जानें

1.नए संसद भवन को तिकोने आकार में बनाया गया है और इसमें चार मंजिल हैं। 64 हजार 500 वर्ग मीटर में बना नए संसद में 3 दरवाजे हैं, इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। लोकतंत्र का प्रतीक नया संसद भवन 862 करोड़ रुपये की लागत में बनकर तैयार हुआ है। नए संसद भवन में संविधान हॉल है। इसका अपना खासा महत्व है। इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी। वहीं, हॉल में साथ ही महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, देश के प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं। नए संसद भवन में बनाए गए संविधान हॉल के एक तरफ लोकसभा और उसका सेरेमोनियल एंट्रेंस है। हॉल के दूसरी ओर राज्यसभा और उसका सेरेमोनियल एंट्रेंस है।

2.पुराने संसद भवन में जहां केवल 1272 सीटें ही थी। वहीं, नया संसद भवन अधिक आलीशान है। नए संसद भवन में सीटों की कैपिसिटी को बढ़ाया गया है। नए संसद भवन में लोकसभा की 888 सीटें हैं, जबकि राज्यसभा की 300 सीटें हैं। इसमें इतनी जगह है कि यदि दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाई जाती है तो सभी सदस्य आ सकते हैं। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के दौरान लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद एक-साथ बैठ सकेंगे।

3. नए संसद भवन में लोकसभा चैंबर 3015 वर्ग मीटर के क्षेत्र में तैयार किया गया है। वहीं, यह एक खास थीम पर आधारित है। यह राष्ट्रीय पक्षी मयूर थीम पर बनाया गया है। नए संसद भवन की ब्लिडिंग प्लेटिनम रेटेड ग्रीन बिल्डिंग है। राज्य सभा कुल 3,220 वर्ग मीटर एरिया में बनेगा। इसमें 245 की जगह 384 सीट होगी। यह राष्ट्रीय फूल लोटस थीम पर बनाया गया है।

4. तमिलनाडु के सदियों पुराने मठ के आधीनम महंतों की मौजूदगी में 'सेंगोल' की नए संसद भवन के लोकसभा में स्थापना की गई। बता दें कि नए संसद भवन में सेंगोल को स्पीकर के आसन के पास लगाया गया है। 'सेंगोल' राजदंड सिर्फ सत्ता का प्रतीक नहीं, बल्कि राजा के सामने हमेशा न्यायशील बने रहने और जनता के प्रति समर्पित रहने का भी प्रतीक रहा है।

5. नए संसद भवन में थर्मल इमेजिंग सिस्टम और फेस रिकग्निशन सिस्टम वाले कैमरे लगाए गए हैं। इनकी मदद से संदिग्ध गतिविधियों को रोकने में मदद मिलती है। अपडेट सीसीटीवी सिस्टम, 360 डिग्री पर काम करता है। खास बात है कि अगर कोई व्यक्ति कैमरे के घूमने की विपरित दिशा से संसद भवन परिसर में घुसने का प्रयास करता है तो भी वह पकड़ा जाएगा।

6. नए संसद भवन को हाईटेक करने के अलावा नई तकनीक से लैस किया गया है। सांसदों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए हर सीट पर डिजिटल सिस्टम और टच स्क्रीन लगाई गई है। इस डिजिटल सिस्टम को सांसद सीधे अपने मोबाइल या टैबलेट से कनेक्ट कर सकेंगे। इसमें खास बात यह है कि यह सिस्टम उसी सीट से कनेक्ट होंगे, जो आधिकारिक तौर पर उन्हें लोकसभा सचिवालय द्वारा अलॉट की गई है। इन डिजिटल सिस्टम पर सांसद संसद के कामकाज के ब्योरे के अलावा उनके संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज भी देख सकेंगे। संसद को पेपर लैस करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। इसलिए इन सिस्टम के जरिए ही अब सांसदों को महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी।

7. नए संसद भवन परिसर में लेटेस्ट ऑडियो-विजुअल सिस्टम भी लगाए गए हैं। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले और सत्र स्थगित होने के बाद इनके जरिए सांसदों, कर्मचारियों को भी इसकी सूचना मिलती रहेगी। पुराने भवन की तरह भवन में भी सांसदों के लिए सुविधायुक्त डाइनिंग हॉल तैयार किया गया है। इसके अलावा बुजुर्ग सांसदों के लिए भी कई प्रकार की सुविधाएं दी गई हैं।

8. नए संसद भवन को फूलप्रूफ साइबर सिस्टम से लैस किया गया है। जिन विशेषज्ञों ने इस सिस्टम को तैयार किया है, उन्होंने इसे स्टेट ऑफ आर्ट साइबर सिक्योरिटी का नाम दिया है। यानी साइबर सिक्योरिटी के मामले में अत्याधुनिक सुरक्षा घेरा। इस सिस्टम को प्रो एक्टिव साइबर सिक्योरिटी भी कहा जा सकता है। नए संसद भवन में चीन, पाकिस्तान सहित अन्य किसी भी देश के हैकर्स सेंध नहीं लगा सकते। इतना ही नहीं, संसद भवन का साइबर सिक्योरिटी सिस्टम इतना मजबूत है कि वह साइबर अपराध की काली दुनिया डार्क वेब, जिसे इंटरनेट का अंडरवर्ल्ड भी कहा जाता है, को पार्लियामेंट के आईटी सिस्टम के निकट भी नहीं फटकने देगा।

9. नए संसद भवन के निर्माण के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण पर रोकथाम के लिए कई कदम उठाए गए हैं। नए संसद भवन में एक भव्य संविधान हॉल बनाया गया है, जिसमें भारत की प्राचीन संस्कृति, लोकतांत्रिक परंपराओं को प्रदर्शित किया गया है। साथ ही नए संसद भवन में सांसदों के लिए लाउंज, विभिन्न समितियों के लिए कक्ष, डाइनिंग एरिया और पर्याप्त पार्किंग की जगह की व्यवस्था की गई है। संगीत दीर्घा में स्वामी हरिदास, त्यागराजा के चित्र व वाद्य यंत्र, नवरस के भाव, शास्त्रीय नृत्य की; वहीं, स्थापत्य दीर्घा में वृहदेश्वर मंदिर-तंजौर लेकर ओरोविल-पुड्डुचेरी तक की झलक दिखाई गई है। जबकि शिल्प दीर्घा में पत्थर, धातु, लकड़ी से लेकर कपड़ों की शिल्पकारी की झलक देखने को मिल रही है।

10. नए संसद भवन के निर्माण के लिए बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से, सागौन (टीक वुड) की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाई गई है। कार्पेट उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से मंगवाए गए हैं। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से बांस की लकड़ी की फ्लोरिंग मंगवाई गई है। स्टोन जाली वर्क्स राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से लिए गए हैं। अशोक प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगाया गया है। अशोक चक्र को मध्यप्रदेश के इंदौर से लिया गया है। लाल लाख राजस्थान के जैसलमेर से मंगवाया गया है। इसी राज्य के अंबाजी से सफेद संगमरमर पत्थर खरीदे गए हैं। केसरिया ग्रीन स्टोन उदयपुर से मंगवाया गया है। एम-सैंड को हरियाणा के चकरी दादरी, फ्लाईएश ब्रिक्स को एनसीआर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से खरीदा गया था। ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से लिए गए हैं। एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना दमन और दीव से ली गई।