ईओडब्ल्यू ने कारोबारियों के 39 ठिकानों पर मारा छापा, 90 लाख की नकदी बरामद

EOW raided 39 locations of businessmen, recovered cash worth 90 lakhs latest news hindi news big news khabargali

रायपुर (khabargali) ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाले से अर्जित ब्लैकमनी को निवेश करने वाले कारोबारियों, बिल्डर और अस्पताल संचालकों के दुर्ग-भिलाई और महासमुंद स्थित 39 ठिकानों में मंगलवार को छापेमारी की। इस दौरान तलाशी में लाखों रुपए की ज्वेलरी, निवेश, प्रापर्टी, लेनदेन के दस्तावेज, डिजिटल डेटा, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और 90 लाख से अधिक की नकदी बरामद की गई है।

कार्रवाई भिलाई के फेब्रिकेशन उद्योगपति अशोक अग्रवाल, उसके दामाद सौरभ अग्रवाल, भाई विनय अग्रवाल के खुर्सीपार में घर और धमतरी में करीबी रिश्तेदार, होटल व्यवसायी आशीष गुप्ता के नेहरू नगर निवास, प्रॉपर्टी डीलर सुरेश केजरीवाल के नेहरू नगर वेस्ट, डॉ. संजय गोयल के आवास, कारोबारी मनीष जैन, बिल्डर विश्वास गुप्ता के दुर्ग, समाजसेवी बंसी अग्रवाल के नेहरू नगर ईस्ट स्थित घर, विठलपुरम स्थित गोविंद मंडल के आवास, सेक्टर 2 में मिथिलेश उर्फ पिंटू तिवारी (वर्तमान में रायपुर निवासी) खुर्सीपार में विनय अग्रवाल, किशोर शॉर्टेज के मालिक कमल अग्रवाल, बिल्डर मध्यानी, उद्योगपति गोविंद मंडल के निवास छापेमारी की।

उक्त सभी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी बताए जाते है। इनके माध्यम से अवैध वसूली की ब्लैकमनी को अपने कारोबार में खपाया जा रहा था।
दुर्ग में छापेमारी के दौरान कारोबारी के घर के बाहर खड़ी ईओडब्ल्यू की गाड़ी और महिला पुलिस।

होलोग्राम से लेकर लेबलिंग तक में संलिप्त

छापेमारी की जद में आने वाले कारोबारी शराब के बोतलों में लगाए जाने वाले नकली होलोग्राम से लेकर लेंबलिंग करने वाले सिंडीकेट में भूमिका मिली है। इसे देखते हुए सभी के पुराने बैकग्राउंड के साथ ही पुराने लेनदेन, बैंक ट्रांजेक्शन और आय-व्यय का हिसाब कर रहे है। इसके लिए उनके आय के स्रोत, निवेश और पिछले 5 साल में खरीदे गए प्रापर्टी को जांच के दायरे में लिया गया है। 

ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा और शराब घोटाले के मुख्य आरोपियों में शामिल अनवर ढेबर के लिए नकली होलोग्राम बनाने वाले अरविंद सिंह के करीबी रहे हैं । बता दें कि इसमें अनवर और अरविंद को सुप्रीम कोर्ट से शर्तिया जमानत मिली है। लेकिन ईओडब्ल्यू में दर्ज केस की वजह फिलहाल जेल से रिहाई नहीं होगी।

इस तरह इनपुट मिला

ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाले में जेल भेजे गए कवासी लखमा, उनके पुत्र और पिछले दिनों की गई छापेमारी के दौरान सनसनीखेज इनपुट मिले थे। तलाशी में कारोबारियों से अप्रत्यक्ष रूप से जुडे़ होने की जानकारी मिली थी। इसके आधार पर उक्त सभी लोगों को छापे की जद में रखा गया साथ ही एक सभी के घर दफ्तर, फर्म, हॉस्पिटल और अन्य ठिकानों में छापेमारी की। 

ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि आबकारी घोटाले की विवेचना जारी है। विवेचना के दौरान यह तथ्य उजागर हुआ कि प्रकरण के प्रमुख संदेही द्वारा अपराध से अर्जित अवैध धनराशि को विभिन्न व्यक्तियों के माध्यम से अलग-अलग व्यवसायों एवं संपत्तियों में बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। इसके साक्ष्य मिलने पर छापेमारी और तलाशी के बाद एक साथ सर्च एवं सीज़र की कार्रवाई की गई है।


 

Category