मोबाइल सिग्नल को सुधारने वाली सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में 42,164 किलोमीटर पर होगा
CMS-01 भारत का 42वां कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, सात साल तक काम करेगा
श्रीहरिकोटा (khabargali) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आसमान में एक और सफल उड़ान भरी है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से गुरुवार को कम्युनिकेशन सैटेलाइट (CMS-01) की लॉन्चिंग की। यह लॉन्चिंग दोपहर तीन बजकर 41 मिनिट पर PSLV-C50 रॉकेट से की गई। कोरोना काल में किसी सैटेलाइट की यह महज दूसरी लॉन्चिंग हैं और इस साल का आखिरी मिशन है।मोबाइल फोन से लेकर टीवी तक के सिग्नलों का स्तर सुधारने वाली कम्युनिकेशन सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में 42,164 किलोमीटर पर होगा।
लॉन्चिंग के 20 मिनट बाद PSLV-C50 ने सैटेलाइट को इजेक्ट किया
लॉन्चिंग के 20 मिनट बाद PSLV-C50 ने सैटेलाइट को इजेक्ट कर दिया। CMS-01 ऑर्बिट में GSAT-12 की जगह लेगा। 1,410 किलो वजनी GSAT-12 को 11 जुलाई, 2011 को लॉन्च किया गया था। इसका जीवनकाल आठ साल था।CMS-01 भारत का 42वां कम्युनिकेशन सैटेलाइट है। यह भारत के जमीनी इलाकों के अलावा अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप भी कवर करेगा। यह ISRO का इस साल का आखिरी मिशन भी है। यह सैटेलाइट सात साल तक काम करेगा।
PSLV की यह 22 वीं उड़ान
44 मीटर ऊंचे चार स्टेज वाले PSLV-C50 'XL' कॉन्फिग्रेशन में PSLV की यह 22 वीं उड़ान है। नॉर्मल कॉन्फ्रिगेशन में PSLV चार स्टेज / इंजन वाला रॉकेट है। किसी मिशन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रॉकेट का सिलेक्शन सैटेलाइट के वजन और उस ऑर्बिट पर निर्भर करती है जहां सैटेलाइट को परिक्रमा करनी होती है।
इससे होने वाले फायदे
सीएमएस-01 सैटेलाइट की वजह से टेलीकम्युनिकेशन सेवाओं में सुधार होगा। इसकी सहायता से टीवी चैनलों की पिक्चर क्वालिटी सुधरने के साथ ही सरकार को आपदा प्रबंधन के दौरान मदद मिलेगी। यह सैटेलाइट साल 2011 में लांच की गई जीसैट-2 टेलीकम्युनिकेशन सैटेलाइट की जगह लेगी। सीएमएस-01 अगले सात साल तक सेवाएं देगी।
पृथ्वी की सबसे दूरस्थ कक्षा में स्थापित होगा
सीएमएस-01 को पृथ्वी की कक्षा में 42,164 किलोमीटर के सबसे दूरस्थ बिंदु पर स्थापित किया जाएगा। इस कक्षा में स्थापित होने पर यह सैटेलाइट पृथ्वी के चारों तरफ उसी की गति से घूमेगा और पृथ्वी से देखे जाने पर आकाश में एक जगह खड़े होने का भ्रम देगा। इससे पहले अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट लॉन्च किया इससे पहले ISRO ने सतीश धवन स्पेस सेंटर से अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-1 (EOS-1) लॉन्च किया था। यह रडार इमेजिंग सैटेलाइट है। PSLV-C49 रॉकेट के जरिए देश के EOS-1 के साथ ही 9 विदेशी उपग्रह भी भेजे गए थे।
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