भोपाल (khabargali) 25 मार्च,अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच द्वारा आयोजित विजय कांत वर्मा के काव्य संग्रह इंद्रधनुष का लोकार्पण महादेवी वर्मा कक्ष में पद्मश्री मेहरून्निसा परवेज की अध्यक्षता में हुआ। संस्था की अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने अपने बीज वक्तव्य में कहा-"इस संग्रह की सभी कविताएं जहां एक ओर प्रेम की आकुलता ,व्याकुलता प्रदर्शित करती हैं वही प्रेम दर्शन की विशेषता भी दृष्टिगोचर होती है। उन्होंने शब्दों का बहुत सटीक प्रयोग किया है जिससे भाव बिंब में और गहनता आ जाती है और एक अतिरिक्त गुणात्मक वैशिष्ट्य के दर्शन होते हैं।
अध्यक्षीय उद्बोधन में मेहरून्निसा परवेज ने कहा कि बचपन में हम इंद्रधनुष के रंगों को देखते थे और खुश होते थे आज विजय जी के काव्य संग्रह इंद्रधनुष में भी सात रंगों को काव्य रूप में देख रहे हैं। मुख्य अतिथि डॉ. संतोष चौबे ने कवि की कविताओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए कविता सुनाने के अंदाज में निखार लाने की सलाह दी ।
विशिष्ट अतिथि मुकेश वर्मा और डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने भी विजय कांत वर्मा की कविताओं पर चर्चा करते हुए उन्हें भविष्य का महत्वपूर्ण कवि बताया। पुस्तक की समीक्षा जया केतकी ने की । संस्था का परिचय मुजफ्फर सिद्दीकी ने ,आभार चरणजीत सिंह कुकरेजा ,सरस्वती वंदना मधुलिका सक्सेना तथा बहुत ही शानदार संचालन शशि बंसल ने किया। कार्यक्रम में भोपाल शहर के तथा सीहोर के लेखकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।
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