नई दिल्ली (khabargali) जो बाइडेन के शपथ लेते ही अमेरिका में नए युग की शुरुआत हो चुकी है. राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप अमेरिकी इतिहास में दर्ज हो चुके हैं. उम्मीद की जा रही है कि बाइडेन के राष्ट्रपति बनने से अमेरिका के संबंध भारत के साथ मधुर रहेंगे. इमिग्रेशन बिल को लेकर बाइडेन का निर्णय भी भारतीयों के लिए राहत भरा होगा. एच1 बी वीजा और अमेरिकी नागरिकता की दिशा में भारतीयों के लिए संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे. अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनीं कमला हैरिस का भारत से गहरा नाता रहा ही है जो आपने कई बार पढ़ा- सुना होगा लेकिन जो बाइडेन का भी इंडिया कनेक्शन है. ख़बरगली आपको इस बारे में विस्तार से बताएगा लेकिन शुरुआत करते हैं कमला हैरिस से.
मेरी जड़े भारत में : कमला हैरिस
भारतीय मूल की कमला हैरिस खुद को आधी भारतीय मानती रही हैं. वह चेन्नई में रहने वाले अपने नाना से बेहद प्रभावित रही हैं और काफी हद तक उनके विचारों पर उनकी मां और उनके नाना की झलक दिखती है. कमला को ये कहने में कभी हिचक नहीं हुई कि उनकी जडे़ं भारत में हैं. यहां तक कि कमला को मसाला डोसा और इडली खूब पसंद है. कमला लगातार भारत आती रही हैं और उनके कई नजदीकी रिश्तेदार अभी भी भारत में रहते हैं.
नागपुर से बाइडेन का नाता
अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी भारत से खास नाता है. खुद उन्होंने ही कई बार अपने भाषण में इस बात का जिक्र किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1873 से महाराष्ट्र के नागपुर में उनके रिश्तेदार रहते हैं. अब उनके रिश्तेदारों के मुंबई में भी रहने की बात कही गई थी, जबकि असल जुड़ाव नागपुर से रहा है.
बाइडेन की बहन थीं लेस्ली, खत भी लिखा था
नागपुर में रह रही मनोचिकित्सक सोनिया बाइडेन फ्रांसिस नागपुर की रहने वाली स्वर्गीय लेस्ली बाइडेन के 14 पड़पोते-पड़पोतियों में से एक है. उनका कहना है कि वह रिश्ते में जो बाइडेन की बहन लगती हैं. लेस्ली और जो बाइडेन के पूर्वज एक ही रहे हैं. मर्चेंट नेवी में रह चुके सोनिया के भाई इयान बाइडेन भी नागपुर में रहते है. जो बाइडेन लेस्ली के पोते लेस्ली डेविड बाइडेन परिवार की शादी में एकत्र भी हुआ था. वर्ष 1981 में लेस्ली ने ‘इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया’ में ‘अमेरिकन एक्सप्रेस’ शीर्षक से बाइडेन का लिखा एक आर्टिकल देखा था. जो बाइडेन जब अमेरिकी संसद के सदस्य थे. इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद लेस्ली ने जो बाइडेन को 15 अप्रैल 1981 को एक पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने अपने पारिवारिक रिश्तों के बारे में बाइडेन से चर्चा करनी चाही थी.
जो बाइडेन ने बहन को दिया था पत्र का जवाब
30 मई 1981 को जो बाइडेन ने पत्र लिखकर लेस्ली के पत्र का जवाब दिया था. पत्र में उन्होंने लिखा था कि उन्हें लेस्ली का पत्र पाकर खुशी हुई. इसी बीच दोनों के बीच उनके पूर्वजों के एक होने की बात पता चली और दोनों ने इस पर चर्चा करने की बात भी कही थी. हालांकि बात आगे बढ़ती, लेकिन लेस्ली का 1983 में निधन हो गया. उनके निधन के बाद पति जेनेवीव ने जो बाइडेन के साथ बात आगे नहीं बढ़ाई. परिवार को
मीडिया से दूरी पसंद
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नागपुर में रहने वाली बाइडेन की रिश्तेदार सोनिया बाइडेन फ्रांसिस का कहना हैं कि इस रिश्ते के मामले में वे लोग चुप रहना ही पसंद करते है. वे लोग नहीं चाहते कि वे इस चकाचौंध में आएं. इसलिए परिवार को मीडिया से भी दूर रहना पसंद है. उनकी शिकायत यह भी रही है कि वंशावली के मुताबिक वे लोग, बाइडेन से जुड़े हुए हैं, लेकिन कई बार तथ्यों को गलत तौर पर दिखा दिया जाता है.
भारत में भी चुनाव लड़ सकता हूं: बाइडेन
वर्ष 2015 में ‘यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल’ में संबोधित करते हुए जो बाइडेन ने कहा था कि ‘बाइडेन फ्रॉम मुंबई’ और मेरे दादा 1848 में ‘ईस्ट इंडिया टी कंपनी’ के लिए काम करते थे. तभी शायद उन्होंने एक भारतीय महिला से शादी कर ली और भारत में ही रह गए. मुंबई में ही एक भाषण के दौरान जो बाइडेन ने इस वाकये का हंसते हुए जिक्र करते हुए कहा था कि अगर यह सच है, तब तो मैं भारत में भी चुनाव लड़ सकता हूं.
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