नई दिल्ली(khabargali)। कोरोना काल में कई लोगों की नौकरी गई है। वहीं कुछ कंपनियों ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती की है। ऐसे में करोड़ों लोगों को अपने प्रोविडेंट फंड (पीएफ) का पैसा निकालना पड़ा है। महामारी को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान लोगों को और भी आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसकी वजह से एक अप्रैल 2020 से अब तक 3.5 करोड़ लोगों ने अपने पीएफ खाते से पैसे निकाले हैं।
चिंता का विषय है निकासी का यह आंकड़ा
यह चिंता का विषय है क्योंकि 3.5 करोड़ लोगों द्वारा निकासी का यह आंकड़ा कुल पीएफ खाताधारकों का आधे से भी अधिक है। मौजूदा समय में ईपीएफओ के लगभग छह करोड़ खाताधारक हैं। इतना ही नहीं, एक अप्रैल 2020 से 12 मई 2021 तक 72 लाख कर्मचारियों ने कुल 18,500 करोड़ रुपये का नॉन रिफंडेबल कोविड-19 फंड (कोविड एडवांस) का लाभ उठाया है।
3.5 करोड़ खाताधारकों ने निकाले 1.25 लाख करोड़ रुपये रिपोर्ट के अनुसार, 3.5 करोड़ खाताधारकों ने कुल मिलाकर 1.25 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं। इन पैसों में पीएफ खाते का सेटलमेंट, पेंशन, मौत पर इंश्योरेंस और ट्रांसफर भी शामिल है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2019 में ईपीएफओ ने करीब 1.63 करोड़ खाताधारकों के 81,200 करोड़ रुपये के क्लेम सेटल किए थे।
सिर्फ 72 घंटे में खाते में जमा हो रहे पैसे
राज्यों के आधार पर बात करें, तो सबसे अधिक क्लेम मुंबई, पुणे, दिल्ली और बंगलूरू से आए हैं। मालूम हो कि कोविड-19 के तहत ऑनलाइन दावों पर ऑटो मोड से क्लेम सेटल किए जा रहे हैं और सिर्फ 72 घंटे में पैसे आपके खाते में आ रहे हैं। पिछले साल सरकार ने कहा था कि ईपीएफओ अंशधारक अपनी बचत का 75 फीसदी या अधिकतम तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते को अपने पीएफ खाते से निकाल सकते हैं (जो भी कम हो)।
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