रायपुर (खबरगली) राजपूत करणी सेना ने हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर के समर्थन में रविवार को भाठागांव में महापंचायत आयोजित की। इस कार्यक्रम के दौरान बड़ा विवाद तब खड़ा हो गया जब छत्तीसगढ़ी राजगीत का खुलेआम अपमान हुआ। कार्यक्रम में मौजूद करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत की उपस्थिति में राजगीत बजाया गया, लेकिन मंच और मैदान—दोनों जगह मौजूद एक भी शख्स सम्मान में खड़ा नहीं हुआ। नियमों के अनुसार राजगीत बजते ही खड़े होना आवश्यक है, परंतु यहां सभी लोग बैठे रहे, जिससे लोगों में आक्रोश है।
बिना अनुमति हो रहा था आयोजन
सूत्रों के मुताबिक, इस महापंचायत के लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई। साइंस कॉलेज मैदान में कार्यक्रम की अनुमति न मिलने पर आयोजन को अचानक बदलकर भाठागांव में कर दिया गया। स्थिति को देखते हुए पुलिस ने भारी बल तैनात किया है और मौके पर लगातार नजर रखी जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
8 नवंबर 2025 को हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर को ग्वालियर (मध्यप्रदेश) से गिरफ्तार किया गया था। वह करीब 151 से 162 दिनों तक फरार था। 10 नवंबर को रायपुर पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया, लेकिन उससे एक दिन पहले—9 नवंबर को पुलिस ने उसका जुलूस निकाला। जुलूस के दौरान वीरेंद्र सिंह तोमर घायल हालत में, लंगड़ाते हुए, फटी बनियान में चलता दिखा और कुछ ही देर में सड़क पर बेहोश हो गया। यह वीडियो वायरल होने के बाद क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर इसे अपमानजनक बताया और रायपुर पुलिस के खिलाफ तीखे बयान दिए। शेखावत ने कार्रवाई में शामिल पुलिसकर्मियों और रायपुर SSP के घर में घुसने तक की धमकी दे दी थी, जिससे मामला और भड़क गया। राजगीत के अपमान और बिना अनुमति महापंचायत के बाद अब यह मामला एक बार फिर गरम हो गया है।
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