इन घोषणाओं की वजह से राज्य शासन पर करीब 2000 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा
रायपुर (khabargali) मुख्यमंत्री श्री बघेल ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए छह हजार इकतीस करोड़, पचहत्तर लाख, दो हजार, नौ सौ सतहत्तर रूपए का प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया। जिस पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने चर्चा की। आखिरी में मुख्यमंंत्री श्री बघेल ने सभी का जवाब देते हुए मूल बजट में 6 हजार 32 करोड़ को शामिल करते हुए बजट का आकार एक लाख 27 हजार 532 करोड़ होने की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्य की वित्तीय स्थिति को विस्तार से रखा और साथ ही विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में 2 हजार 745 करोड़ का ऋणभार कम हुआ है। राज्य की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ है, विकास के लिए पर्याप्त साधन जुटाए गए है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अनुपूरक बजट में एक दर्जन के करीब घोषणाएं कीं जिसकी वजह से राज्य शासन पर करीब 2000 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महत्वपूर्ण घोषणाओं का जिक्र करते हुए कहा कि लगभग 5 लाख शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की घोषणा की। इस प्रकार मूल वेतन पर अब तक कुल 42 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हो चुकी है। 4 प्रतिशत बढ़ोत्तरी होने से 800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। 37000 संविदा कमिर्यों के एकमुश्त संविदा वेतन में 27 प्रतिशत वृद्धि की गई है। इससे 350 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। दैनिक वेतन भोगियों के वेतन में 4000 रुपए की मासिक वृद्धि की गई है। इससे 240 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
1650 अतिथि शिक्षकों के मानदेय में 2 हजार रुपए मासिक की बढ़ोत्तरी की गई है। इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। 6000 पटवारियों को 500 रुपए मासिक संसाधन भत्ता मिलेगा। इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
सभी शासकीय सेवकों को छठवें वेतनमान के स्थान पर सातवें वेतनमान पर बी श्रेणी शहर हेतु 9 प्रतिशत एवं सी तथा अन्य शहरों हेतु 6 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता दिया जाएगा। इससे 265 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। सभी पुलिस आरक्षकों को 8000 रुपए किट वार्षिक भत्ता दिया जाएगा। इसका 40 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही मितानिन ट्रेनर, ब्लाक कोआडिर्नेटर एवं हेल्प डेस्क ऑपरेटर को प्रतिदिन दैनिक प्रोत्साहन भत्ता 100 रुपए दिए जाने की घोषणा की। इससे 11 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
इसी तरह पंचायत सचिवों के वेतन में भी वृद्धि की गई है। 15 वर्ष से कम सेवाकाल वाले पंचायत सचिवों को विशेष भत्ता में 2500 रुपए की तथा 15 वर्ष से अधिक सेवा काल वाले पंचायत सचिवों के विशेष भत्ते में 3000 रुपए की वृद्धि की गई है। इससे 50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। इसके अतिरिक्त उन्हें अर्जित अवकाश, दस लाख रुपए तक की उपादान राशि एवं पांच लाख रुपए तक चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति का लाभ भी दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि शासकीय सेवकों के लिए उपरोक्त घोषणाओं से कुल 1764 करोड़ रुपए का व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना अंतर्गत अधिकतम सहायता राशि की सीमा 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है।
वहीं सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2011 की सर्वे सूची के आधार पर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की पात्रता निर्धारित होने से जरूरतमंद परिवारों को आवास स्वीकृत करने में कठिनाई हो रही थी। इसे दूर करने राज्य के संसाधनों से ग्रामीण आवास न्याय योजना आरंभ की जाएगी। इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
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