मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार जुआ एक्ट में अब ACB और EOW को मिला जांच और कार्रवाई का अधिकार....

As per the instructions of Chief Minister Vishnu Dev Sai, ACB and EOW now get the right to investigate and take action under the Gambling Act.  latestnews  hindnews cg bignews latest news chhattisgarhnews khabargali

रायपुर (khabargali) मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार राज्य में जुआ-सट्टा विशेषकर ऑनलाइन गैम्बलिंग पर कड़ाई से रोक और इस मामले में संलिप्त लोगों पर तेजी से प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित हो सकेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने विधिवत् अधिसूचना का प्रकाशन कर छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम 2022 की समस्त धाराओं के अंतर्गत अब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) एवं राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण (ईओडब्ल्यू) को जांच और कार्रवाई का अधिकार दे दिया है। 

एसीबी और ईओडब्ल्यू को यह अधिकार मिलने से ऑनलाइन जुआ के मामलों में भी तेजी से जांच एवं प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि एसीबी और ईओडब्ल्यू अब तक केवल भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितता से जुड़े मामलों में जांच करती रही है। इस अधिसूचना के प्रकाशन से एसीबी और ईओडब्ल्यू की जांच और कार्रवाई का दायरा और बढ़ गया है।  

गौरतलब है कि एसीबी और ईओडब्ल्यू को जुआ एक्ट के तहत जांच और कार्रवाई का अधिकार मिलने से इन मामलों की जांच एक ही विंग में होगी। जिससे जांच में आसानी और कार्रवाई में तेजी आएगी। राज्य में जुआ-सट्टा पर प्रभावी तरीके से शिकंजा कसा जा सकेगा। 

छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम में ऑनलाइन जुए को शामिल किया गया है और इस मामले में दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा का प्रावधान तथा गैर जमानती धाराओं को शामिल किया गया था। अधिनियम में कार्रवाई के लिए कड़े प्रावधान करते हुए जुआ घर का स्वामी होना, जुआ खिलाना, ऑनलाइन जुआ खिलाना, विज्ञापन प्रतिषेध का उल्लंघन और कंपनी द्वारा अपराध को संज्ञेय तथा गैरजमानती अपराध बनाया गया है।

छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम 2022 में जुआ घर की परिभाषा में ऑनलाइन जुआ प्लेटफार्म शब्द जोड़ा गया है। उपकरण की परिभाषा में इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख, डिवाइस, मोबाइल एप, इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर ऑफ फंड्स शब्द जोड़े गये हैं। पुराने अधिनियम में ऑनलाइन जुआ के लिए दण्ड का कोई प्रावधान नहीं था। अब पृथक से दण्ड का प्रावधान किया गया है। जिसमें अधिकतम 3 वर्ष की जेल एवं 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। बार-बार अपराध के लिए अधिकतम 7 वर्ष तक जेल और 10 लाख तक का जुर्माने हो सकता है।

Category