ऑक्सीजन की कमी से मेडिकल कॉलेज में हुई 12 मरीजों की मौत

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शहडोल(khabargali)। एक तरफ देश में कोरोना का प्रकोप जारी है, दूसरी तरफ देश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं एकदम लचर हो चुकी हैं। कहीं अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल रहे तो कहीं ऑक्सीजन खत्म हो जा रही है जिसके कारण निर्दोष नागरिकों की जानें जा रही हैं। नया मामला शहडोल-मेडिकल कालेज का है जहां रविवार की सुबह अस्पताल में ऑक्सिजन की कमी के चलते आईसीयू में भर्ती 6 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई है। पिछले 25 घंटों में, शहडोल मेडिकल कॉलेज में अबतक 12 लोगों की मौत हो चुकी है।अब तक 10 मरीजों की मौत हो गई है।

शहडोल मेडिकल कॉलेज में अचानक तब हड़कंप मच गया जब शनिवार रात 10 बजे के आसपास आईसीयू की डायरेक्ट सप्लाइ में ऑक्सिजन प्रेशर कम होने के चलते अलार्म बजने लगा। उस वक़्त अस्पताल के आईसीयू में लगभग 62 मरीज थे। मौत की पुष्टि करते हुए, मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद शिरलकर ने बताया कि शनिवार को टैंक में ऑक्सीजन का स्तर कम चल रहा था और इसे बारे में हमें पता था। ऑक्सीजन रीफिल करने के लिए एक ट्रक आ रहा था।

मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर ने भी ऑक्सीजन की कमी से हुई इन 12 मौतों की पुष्टि कर दी है, डीन ने बताया है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते अब सिर्फ अति गंभीर मरीजों को ही ऑक्सीजन दी जा रही है। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि शहडोल के जिलाधिकारी ने इन मौतों के पीछे ऑक्सीजन की कमीं को कारण मानने से इंकार कर दिया है।  

पुर्व मुख्यमंत्री ने शिवराज सरकार को घेरा 

लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी दुःख जताते हुए शिवराज सरकार को घेरा है। कमलनाथ ने कहा है ”अब शहडोल में ऑक्सिजन की कमी से मौतों की बेहद दुखद ख़बर। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, जबलपुर, खंडवा, खरगोन में ऑक्सिजन की कमी से मौतें होने के बाद भी सरकार नहीं जागी? आख़िर कब तक प्रदेश में ऑक्सिजन की कमी से यूँ ही मौतें होती रहेगी?” कमलनाथ ने आगे कहा ”शिवराज जी आप कब तक ऑक्सिजन की आपूर्ति को लेकर झूठे आँकड़े परोसकर, झूठ बोलते रहेंगे, जनता रूपी भगवान रोज़ दम तोड़ रही है।

प्रदेश भर की यही स्थिति, अधिकांश जगह ऑक्सिजन का भीषण संकट है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी यही स्थिति है। सिर्फ़ सरकार के बयानो में व आँकड़ो में ही ऑक्सिजन व रेमडेसिविर उपलब्ध है।”

पटना के एक मेडिकल सुप्रिटेंडेंट ने स्वास्थ्य विभाग को लिखा पत्र

पटना में नालंदा मेडिकल कॉलेज में भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत रही. मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉक्टर विनोद कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर इतना तक कहा कि उन्हें पदभार मुक्त कर दिया जाए। डॉक्टर विनोद ने अपने पत्र में लिखा है कि ऑक्सीजन के अस्पताल में ऑक्सीजन का भारी अभाव है। अगर किसी मरीज को कुछ होता है तो उसके लिए सुप्रिटेंडेंट को जिम्मेदार बना दिया जाता है। इसलिए पदभार मुक्त कर दिया जाए तो वे आजीवन आभारी रहेंगे।

सभी राज्य मे ऑक्सीजन की कमीं 

ऑक्सीजन की कमीं इस समय लगभग हर राज्य में हो रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने लगी है। यही बात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के सन्दर्भ में कही। इस बीच CM उद्धव ठाकरे ने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को कॉल किया तो बताया जा रहा है कि पीएमओ ऑफिस ने उनसे कहा कि प्रधनमंत्री अभी बंगाल चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, वहां से लौटने के बाद बात हो पाएगी।