पाठ्यक्रम में होंगे बदलाव, सुआ नृत्य व महानदी के बारे में पढ़ेंगे बच्चे,एनसीईआरटी पैटर्न व स्टैंडर्ड पर तैयार होंगे पाठ्यक्रम

There will be changes in the curriculum, children will study about Sua dance and Mahanadi, curriculum will be prepared on NCERT pattern and standard Chhattisgarh News Raipur news hindi News khabargali

रायपुर (खबरगली) नए सत्र की शुरुआत हो गई है। अगले सत्र में नए पाठ्यक्रम की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। अगले साल चौथी, 5वीं, 7वीं, 8वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव देखने को मिलेगा। छत्तीसगढ़ की खास विशेषताओं को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने को प्राथमिकता दी जा रही हैं। 7वीं कक्षा के अंग्रेजी विषय के पाठ्यक्रम में नगालैंड के पर्व शामिल हैं। 

अब इसमें अगले सत्र से बदलाव किया जाएगा। इसमें सुआ नृत्य को शामिल किया जाएगा। संस्कृत के पाठ्यक्रम में महानदी को पढ़ाया जाएगा। एससीईआरटी में पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए वर्कशॉप का दौर शुरू हो गया है जहां विषय विशेषज्ञ किताबों में बदलाव को लेकर काम कर रहे हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रमों में बदलाव किए जा रहे हैं।

दूसरे राज्यों की भी मिलेगी जानकारी

जानकारों के मुताबिक पाठ्यक्रम में भले ही छत्तीसगढ़ की विशेषताओं को शामिल कर रहे हैं, लेकिन छात्र-छात्राओं को पूरे देश से संबंधित विशेषताओं की जानकारियां भी मिलेंगी। इसके लिए हम सवाल भी ऐसे तैयार कर रहे हैं जिससे छात्र-छात्राओं को सभी राज्यों की संस्कृति, परंपरा की जानकारी हो। इसके लिए अभी चार ही वर्कशॉप हुई है। 12 से 15 वर्कशॉप होगी। उसके बाद पाठ्यक्रम फाइनल होगा।

अभी एनसीईआरटी के अंग्रेजी माध्यम की किताबें प्राप्त हुई हैं उसके हिसाब से एससीईआरटी में अंग्रेजी माध्यम की कक्षाओं के सिलेबस बनाने का काम शुरू हो गया है। वही एनसीईआरटी के हिन्दी माध्यम की किताबें अभी नहीं मिली हैं। हिन्दी माध्यम की किताबें मिलने के बाद यहां के हिन्दी माध्यम के पाठ्यक्रम में बदलाव का शुरू हो जाएगा। एससीईआरटी के कौस्त्युब बनर्जी ने बताया कि एनसीईआरटी के स्टैंडर्ड और पैटर्न पर ही सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है। इसमें किताबों में पूछे जाने वाले सवाल भी एनसीईआरटी के पैटर्न पर होंगे। इसके लिए वर्कशॉप शुरू हो गई है।

लगभग 10 प्रतिशत सिलेबस बदलेगा

जानकारों के अनुसार, चौथी, 5वीं, 7वीं, 8वीं के पाठ्यक्रम में लगभग 10 फीसदी तक बदलाव होंगे। इसमें हिंदी, सामाजिक विज्ञान, व्यावसायिक शिक्षा, पर्यावरण, अंग्रेजी, विज्ञान विषय में बदलाव होंगे। गणित में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के हिसाब से कुछ बदलाव होंगे। इस साल भी पहली, दूसरी, तीसरी और छठी के पाठ्यक्रम में भी बदलाव हुए हैं।

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