प्रदेश के सामुदायिक भवनों को कोरोना संक्रमित लोगों की देखभाल हेतु तैयार करने समेत यह सुझाव दिया छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने

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रायपुर (khabargali) वर्तमान में छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक कोरोनावायरस के नए केसेस आ रहे हैं तथा यह तेजी से फैल रहा है । ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अगर तत्काल बड़े स्तर पर व्यवस्था नहीं जुटाई गई तो जान माल की अत्याधिक हानि हो सकती है। सरकार के एवं निजी क्षेत्र के डॉक्टरों के अथक प्रयासों की वजह से ही अभी तक स्थिति संभली हुई है अन्यथा हमें सड़क पर तड़पते हुए लोग दिखाई देने लग गए होते। छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के संयोजक डॉ कुलदीप सोलंकी ने एक बुलेटिन जारी कर छत्तीसगढ़ सरकार को प्रदेश में वर्तमान कोरोनावायरस के गंभीर हालात पर एवं उससे लड़ने के तरीकों पर सुझाव दिया है।

1. सारे अस्पतालों के समस्त कोरोना बेड करीब-करीब फुल हो चुके हैं, हमें जल्द से जल्द युद्धस्तर पर नई व्यवस्थाएं बनानी पड़ेगी।

2. डॉक्टर एवं हेल्थ केयर वर्कर्स की अत्याधिक कमी हो गई है । करीब 214 डॉक्टर एवं 1793 हेल्थ केयर वर्कर अभी तक संक्रमित हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ शासन से आग्रह है कि अध्यादेश के माध्यम से समस्त कोरोना से ठीक हुए मरीजों की कोरोना सेंटर में 15 दिन हेतु वॉलिंटियर की ड्यूटी लगाई जाए। अगर कोई इससे इनकार करता है तो उसे 6 माह का कारावास या ₹1000000 (10 लाख रुपए) के अर्थदंड का प्रावधान हो।

3. सामुदायिक भवन को जल्द से जल्द संक्रमित लोगों की देखभाल हेतु तैयार करें। छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के माध्यम से हमारा यह सुझाव है की छत्तीसगढ़ के हर शहर में विभिन्न समाज के सामुदायिक भवन है जैसे साहू भवन, देवांगन भवन, क्षत्रिय भवन , अग्रवाल, जैन, सिख समाज, सिंधु भवन इत्यादि इत्यादि। विभिन्न समाज के लोगों को अपनी-अपनी भवनो को COVID के सेंटर में परिवर्तित करना पड़ेगा। इन COVID केयर सेंटर को समाज के लोगों को ही चलाना पड़ेगा तथा अपने समाज के डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ का मार्गदर्शन लेना पड़ेगा। जब तक हर समाज से वॉलिंटियर्स आगे नहीं आएंगे तब तक यह लड़ाई पूरी तरह से लड़ना असंभव है। जो व्यक्ति संक्रमित होता है तथा ऐसे भवन में रखा जाता है उसकी नैतिक जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह अपने कमरे एवं आसपास की सफाई का स्वयं ध्यान रखें तथा अगर वह स्वस्थ है तो दूसरे पॉजिटिव मरीजों की देखभाल में भी अहम भूमिका निभाए।

आम जनता से भी यह अपील है

1. प्रत्येक कोरोनावायरस पेशेंट ने अगर उचित अनुशासन नहीं रखा तो वह टाइम बम जैसा हो सकता है।

2. कोरोनावायरस की संक्रमण क्षमता अन्य सभी वायरस से कहीं अधिक है। संक्रमित व्यक्ति ना केवल अपने परिवार को इनफैक्ट कर सकता है अपितु वह सैकड़ों लोगों में संक्रमण फैला सकता है। कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति की रिकवरी एकदम साधारण तरीके से हो सकती है अन्यथा अच्छे से अच्छा इलाज होने पर भी उसकी मृत्यु हो जाती है। मेडिकल साइंस में यह सबसे बड़ा चैलेंज है।

3..पूरे विश्व में सारे विशेषज्ञ एकमत हैं कि कोरोनावायरस के संक्रमण को जितना जल्दी पकड़ा जाएगा उतना मरीज के बचने की संभावना बढ़ जाती है।

4. किंतु वर्तमान में एक ट्रेंड चला है जिसमें मरीज अपने बुखार, खांसी, बदनदर्द इत्यादि लक्षणों को परिवार से एवं डॉक्टर से भी छुपाता है। मेरे स्वयं के OPD में 8 मरीज ऐसे आए जिन्होंने सिर्फ गैस की शिकायत की किंतु उनकी जांच में फेफड़ों में अत्यधिक संक्रमण पाया गया। उनमें से दो व्यक्ति अत्यधिक गंभीर है। अधिक विवेचना करने पर पता चला कि सोशल मीडिया में चल रही अफवाहों की वजह से उन्होंने अपने लक्षण छुपाए।

5. ऐसे कई वीडियो और ऑडियो कुछ असामाजिक व्यक्ति रिलीज कर रहे हैं जिसमें कोरोना को केवल एक वहम बताया जा रहा है। तथा कई बददिमाग, बेवकूफ किस्म के लोग इसे साजिश भी बता रहे हैं।

6. इस संदर्भ में छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने प्रशासन एवं पुलिस से शिकायत की और अपेक्षित कार्रवाई की मांग की है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है की फिलहाल उनकी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है तत्पश्चात इन लोगों पर कार्रवाई होगी।

7. अतः आपसे निवेदन है कि कोई भी संक्रमित व्यक्ति अपने लक्षण को ना छुपाए तथा जल्द से जल्द आइसोलेट हो अन्यथा अत्याधिक जान माल की हानि होने की आशंका है।

8. आने वाले समय में समस्त समाज एवं सामाजिक संस्थाओं को इस युद्ध में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना पड़ेगा।

9. यहां एक बात विशेष है के बहुत सारे कार्य पहले संक्रमित हो चुके लोगों को दायित्व के रूप में उठाने पड़ेंगे।

10. कोरोना से लड़ने के दो ही उपाय हैं मास्क, सैनिटाइजर इत्यादि का प्रयोग करके बचाव तथा अगर थोड़े से भी लक्षण हो तो जल्द से जल्द टेस्ट करा कर संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट करना तथा अगर वह व्यक्ति सीरियस हो जाता है तो उसे जल्द से जल्द बेहतर चिकित्सा प्राप्त हो सके।

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