राजधांनी में मछली पकड़ने गए बच्चों को नाले में मिला कारतूस, नक्सलियों के होने की आशंका...

Children who went fishing in the capital found cartridges in the drain, fear of Naxalites... cg news latestnews hindinews khabargali

रायपुर(khabargali) राजधानी के नाले में नक्सलियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों के कारतूस मिलने से हडक़ंप मच गया है। तेलीबांधा इलाके के एक नाले में बड़ी संख्या में कारतूस मिले हैं। इसकी सूचना मिलते पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और सभी कारतूस को जब्त कर लिया है। दूसरी ओर इस घटना के बाद इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) भी सक्रिय हो गई है।

पुलिस के मुताबिक फुंडहर इलाके के छोकरा नाले में शाम को गांव के कुछ लड़के मछली पकड़ रहे थे। इस दौरान बच्चों को पानी में एक बिनडोरी (पाउच) मिली। इसके अलावा कुछ कारतूस भी खुले में पड़े मिले। कारतूस देखकर नाबालिगों ने उसे इकट्ठा कर लिया और अपने-अपने घर ले गए। कुछ बच्चे उससे खेलने लगे। इसकी सूचना पूरे गांव में फैल गई। इसके बाद जानकारी पुलिस तक पहुंची। तेलीबांधा पुलिस की टीम तत्कल मौके पर पहुंची। 

नाबालिगों से कारतूस जब्त किया। इसके बाद नाले के आसपास सर्चिंग की। पुलिस को कुल 84 कारतूस मिले हैं। दो खाली खोखे भी बरामद हुए हैं। ये सभी कारतूस 303 बोर, एमएमके, इंसास आदि हथियारों में इस्तेमाल होते हैं और इन हथियारों का इस्तेमाल अक्सर नक्सली करते हैं।

बैच नंबरों से होगी पहचान

कारतूसों के बैच और मेक नंबर की जांच कर रही है। इससे इन कारतूसों के संबंध में जानकारी मिलेगी। फिलहाल इतनी बड़ी संख्या में कारतूस कहां से आए? पुलिस इसकी जांच में लगी है। आसपास के लोगों से विस्तृत पूछताछ की जा रही है। फिलहाल अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है।

रात में फेंकने की आशंका

नाले से लगे हुए कई वीआईपी लोगों के बंगले हैं यहां कई होटल हैं। इसके अलावा विधायकों का भी निवास है। आशंका है कि कारतूस को अज्ञात लोगों ने रात में नाले में फेंके हैं। इसके बाद भाग निकले। नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार कार्रवाई के चलते कई नक्सली शहरी इलाके में शरण लेते हैं। होटलों में ठहरते हैं। फिलहाल पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है। घटना के बाद इंटेलीजेंस ब्यूरों की टीम भी सक्रिय हो गई है। आसपास के होटलों में ठहरने वालों की जानकारी ली जा रही है।

ज्यादा पुरानी नहीं

कारतूस को पानी में गिरे हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है। कारतूस खराब नहीं हुए हैं और न ही पानी में रहने से किसी तरह से उस पर असर हुआ है। इससे तय है कि कारतूस एक-दो दिन पहले ही यहां डम्प किए गए होंगे।

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