
कोरबा (khabargali) पिछले कुछ सालों से शिक्षकों का रुझान ऑनलाइन सोशल मार्केटिंग (नेटवर्क मार्केटिंग), चिटफंड कंपनियों की तरफ बढ़ा है। शिक्षकों की सामाजिक पैठ को देखते हुए कंपनियां भी शिक्षकों को तरह से तरह से प्रलोभन देकर ऐसे कंपनियों से जोड़ती है, जिससे लोगों को मेंबर बनाकर आमदनी बढ़ायी जाती है। पिछले कुछ सालों में इसे लेकर शिकायतें भी आयी है, कुछ शिक्षक तो नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़ने के बाद इस्तीफा तक दे चुके हैं।
लेकिन, अब विभाग इस पर काफी कड़ी नजर रख रहा है। कोरबा जिले में ऐसी ही नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़े एक व्याख्याता को नोटिस जारी किया गया था। हालांकि 4 अक्टूबर को ही नोटिस जारी किया गया था, जिसमें व्याख्याता बसंत हिमधर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला कनकी से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया था। हालांकि उसके बाद व्याख्याता पर क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी तो नहीं मिली है। लेकिन ऐसे आदेश के बाद शिक्षकों में हड़कंप जरूर मच गया है।
डीईओ ने अपने आदेश में कहा था कि शासकीय कार्यों को छोड़कर कंपनियों के मीटिंग, टूर पैकेज में शामिल होना और मार्केटिंग से लोगों को जुड़ने के लिए प्रेरित करना सिविल सेवा नियम के खिलाफ है। जिसे लेकर कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा था कि शासकीय कार्यों को छोड़कर कंपनियों के मीटिंग, टूर पैकेज में शामिल होना और मार्केटिंग से लोगों को जुड़ने के लिए प्रेरित करना सिविल सेवा नियम के खिलाफ है।
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