सलाम दानी छात्र को..इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि ने IIT बॉम्बे को किए कुल ₹ 400 करोड़ का दान

Salute to the donor, Infosys co-founder Nandan Nilekani donates a total of ₹ 400 crore to IIT Bombay Indian Institute of Technology, to boost infrastructure, research in emerging areas of engineering and technology, khabargali

पूर्व छात्र की ओर से अपने इंस्टीट्यूट या कॉलेज को किया गया यह सबसे बड़ा दान है

नई दिल्ली (khabargali) इंफोसिस के को फाउंडर नंदन नीलेकणि ने अपनी 315 करोड़ रुपये की दौलत दान कर दी है। उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे को ये दान किया है। दान की इस रकम का इस्तेमाल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्र में रिसर्च को प्रोत्साहित के लिए होगा। ये किसी भी पूर्व छात्र की ओर से अपने इंस्टीट्यूट या कॉलेज को किया गया सबसे बड़ा दान है। आईआईटी बॉम्बे से पास आउट होने के 50 साल पूरे होने पर उन्होंने एक डोनेशन की घोषणा की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

गौरतलब है कि उन्होंने साल 1973 में आईआईटी बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल की है।

IIT-बॉम्बे ने कहा कि ₹85 करोड़ के पिछले योगदान समेत, नंदन नीलेकणि ने संस्थान को कुल ₹400 करोड़ का दान दिया है। IIT-B ने कहा, ये शुरुआती योगदान, नए होस्टल बनाने, IT स्कूल का फाइनेंशिंग और देश के पहले यूनिवर्सिटी इनक्यूबेटर की स्थापना में 'काफी महत्वपूर्ण' था।

नंदन नीलेकणि ने भावुक पोस्ट पर यह लिखा-

इस डोनेशन के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा। इस पोस्ट में आईआईटी को लेकर अपने दिल की बात लिखी। उन्होंने लिखा कि IIT-बॉम्बे मेरे जीवन की आधारशिला रहा है। इस संस्थान ने मेरे जीवन को आकार दिया है और मेरे सफर की नींव रखी । ये दान केवल एक वित्तीय योगदान से बढ़कर है। मेरी ओर से ये सहयोग इस संस्थान को लेकर एक श्रद्धांजलि है। जिस संस्थान में मुझे मुझे बहुत कुछ दिया है। सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ी को आकार देंगे।

कौन हैं नंदन नीलेकणि-

नंदन नीलेकणि का जन्म 2 जुलाई 1955 में कर्नाटक में हुआ था। उनकी मां का नाम दुर्गा और पिता मनोहर नीलेकणि था। उनकी शुरुआती पढ़ाई बैंगलोर में ही हुई । शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग की। पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात रोहिणी से हुई। बाद में दोनों से शादी कर दी। नंदन नीलकणि के दो बच्चे हैं। वह इंफोसिस के को-फाउंडर रहे हैं। उनकी सबसे बड़ी कामयाबी आधार कार्ड है। देश के हर नागरिक को एक विशिष्ठ पहचान संख्या या यूनिक आइडेंटीफिकेशन नम्बर को उपलब्ध करवाने की योजना को उन्होंने सफलतापूर्वक चलाया। आधार कार्ड योजना का श्रेय नंदन नीलेकणि को मिलती है। साल 2006 में उन्हें विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उन्हें टोरंटो यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट ऑफ लॉ की उपाधि मिली है। साल 2006 के वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में उन्हें सबसे युवा उद्यमी के तौर पर 20 टॉप ग्लोबल लीडर्स में जगह मिली।