रायपुर में मदिरा कर्मियों के वेतन में 10 हजार तक की कटौती
शराब दुकान के सेल्समैन और सुपरवाइजरों में भारी आक्रोश, कंपनी को अल्टीमेटम- 'वेतन लौटाओ वरना बंद रहेंगी दुकानें'
रायपुर (खबरगली) छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शासकीय अंग्रेजी और देशी मदिरा दुकानों के कर्मचारियों ने प्लेसमेंट कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीआईएस (BIS) कंपनी द्वारा नवंबर माह के वेतन में की गई भारी कटौती से नाराज सुपरवाइजरों, सेल्समैनों और मल्टीवर्कर्स ने इसे 'हिटलरशाही' फैसला करार देते हुए उग्र आंदोलन का ऐलान किया है।
वेतन में भारी अंतर का आरोप
कर्मचारियों का आरोप है कि सरकारी 'सेवा सुविधा' ऐप पर उनका निर्धारित वेतन कुछ और है, जबकि खाते में बेहद कम राशि भेजी जा रही है। एक उदाहरण देते हुए कर्मचारियों ने बताया कि जहाँ ऐप में सुपरवाइजर का वेतन ₹37,970 दर्शाया गया है, वहीं कंपनी द्वारा उनके खाते में मात्र ₹27,700 ही जमा किए गए हैं।
कटौती का गणित
- सुपरवाइजर: ₹10,000 की कटौती
- सेल्समैन: ₹7,000 की कटौती
- मल्टीवर्कर: ₹5,000 की कटौती
दुकानें बंद करने का अल्टीमेटम
कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि यह उनके साथ सरासर अन्याय है। उन्होंने कंपनी और प्रशासन को 28 दिसंबर तक का समय दिया है कि काटा गया वेतन वापस किया जाए। यदि निर्धारित समय तक भुगतान नहीं होता है, तो 31 दिसंबर (नए साल के जश्न से ठीक पहले) जिले की सभी मदिरा दुकानें बंद कर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। इस फैसले से जिले के समस्त शराब दुकान कर्मचारियों में भारी गुस्सा है। अब देखना होगा कि प्रशासन और प्लेसमेंट कंपनी इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाती है, अन्यथा नए साल के मौके पर राजस्व और व्यवस्था दोनों पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है।
डैमेज स्टॉक के पेनल्टी की वसूली
BIS कंपनी द्वारा कर्मचारियों को बताया गया है कि मदिरा दुकानों में पड़े डैमेज स्टॉक की वजह से CSMCL द्वारा कंपनी पर 80 लाख रुपए का पेनल्टी लगाया गया है जिसे मदिरा दुकान के सुपरवाइजर, सेल्समेन एवं मल्टीवर्कर कर्मी के वेतन से वसूली की जा रही है।
BIS का तुगलकी फरमान
कंपनी द्वारा मदिरा दुकान में कार्य करने वाले समस्त कर्मचारियों को यह बता दिया गया है कि आने वाले 4 से 5 महीनों में कर्मचारियों के सैलरी से ही पेनल्टी की राशि वसूली की जाएगी और यह कंपनी का निर्देश है।
पहले ही टूट फुट से परेशान कर्मचारी
बता दे की मदिरा दुकानों में कर्मचारी पहले से ही टूट फुट से काफ़ी परेशान है जिले की शराब दुकानों से ज़ब वाहनों से माल आता है और ज़ब दुकान में खाली होता है तो करीब रोजाना कई पेटी देशी एवं अंग्रेजी शराब फुट जाती है यह यह करीब एक हजार तक या उससे ज्यादा और अगर हम महीनों का आकलन करे तो यह राशि दस से पंद्रह हजार रूपये तक पहुँचता है यह राशि भी कर्मचारियों को अपनी सैलरी से देना पड़ता है।
डैमरेज स्टॉक की वसूली रायपुर जिले में ही क्यों?
कर्मचारियों ने बताया कि डैमेज स्टॉक की वसूली सिर्फ रायपुर जिले से क्यों की जा रही है जबकि पूरे प्रदेश में CSMCL द्वारा कंपनी पर पेनल्टी लगाया गया है लेकिन वसूली सिर्फ रायपुर जिले से?
कर्मचारियों ने कंपनी के महाप्रबंधक से लगाई है गुहार
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