विश्व आदिवासी दिवस पर सीएम भूपेश ने बड़ी घोषणाएं कर जीता प्रदेश का दिल

bhupesh baghel

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस पर की ये बड़ी घोषणाएं

1. 214 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण
2. फर्जी जाति प्रमाणपत्र पर महाने भर में करेंगे कार्रवाई
3. आदिवासियों की जमीन केवल आदिवासी ही खरीद पाएगा
4. छत्तीसगढ़ को तीन साल में कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित
5. प्री-मैट्रिक छात्रावास के छात्रों की छात्रवृत्ति 700 रूपए से बढ़ाकर एक हजार करने, कोंडागांव कॉलेज में सीट बढ़ाने की घोषणा की।

  •  राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में हुए सांस्कृति कार्यक्रम, लोगों व बच्चों को दिलाई गई एकता-अखंडता की शपथ, मुख्यमंत्री ने किया प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित

कोंडागांव/रायपुर (khabargali) विश्व आदिवासी दिवस पर शुक्रवार को राजधानी रायपुर सहित बस्तर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तरियां अंदाज में दिखाई दिए। हाथों में तीर-कमान लिए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा हिंदुस्तान में आदिवासियों की जमीन छीनी जा रही है, जबकि छत्तीसगढ़ में उन्हें लौटाया जा रहा है। प्रदेश में आदिवासियों की जमीन केवल आदिवासी ही खरीद पाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने  कोंडागांव में 214 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। सीएम ने घोषणा की कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र से अब कोई न नौकरी कर सकेगा,  महीने भर में करेंगे कार्रवाई।

 कोंडगांव में हुए मुख्य कार्यक्रम में सीएम बघेल ने महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर से प्रदेश में कुपोषण मुक्त अभियान चलाने की घोषणा की। अभियान के तहत पीड़ितों को प्रतिदिन निःशुल्क पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाएगा। छत्तीसगढ़ को तीन साल में कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वहीं प्री-मैट्रिक छात्रावास के छात्रों की छात्रवृत्ति 700 रूपए से बढ़ाकर एक हजार करने, कोंडागांव कॉलेज में सीट बढ़ाने की घोषणा की।

राज्य में 5 वर्ष से कम आयु के 37 फीसदी से ज्यादा बच्चे कुपोषित

सीएम बघेल ने कहा कि नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 5 साल से कम उम्र के 37.60 % बच्चे कुपोषण से और 15 से 49 वर्ष की 41.50 % बेटियां और माताएं एनीमिया से पीड़ित हैं। कुपोषण और एनीमिया के कारण देश में प्रतिवर्ष लाखों बच्चों की मौत हो जाती है। बच्चे जन्म के समय से ही कम वजन के होते हैं, उनकी ऊंचाई नहीं बढ़ती और उनके शारीरिक और मानसिक विकास की प्रक्रिया अवरूद्ध हो जाती है। इस विकट समस्या के निराकरण के लिए अत्यंत गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है।

सार्वजनिक अवकाश देकर जनभावना का किया सम्मान

    सरकार की ओर से विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई थी। ऐसा पहली बार हुआ था कि आदिवासी दिवस पर सरकारी अवकाश था और प्रदेश भर में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा था।  लोगों ने सार्वजनिक अवकाश का खूब आनंद उठाय़ा। राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में इस मौके पर गरियाबंद, कांकेर, जशपुर के सांस्कृतिक दलों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में आदिवासी समाज के लोगों को अपनी सभ्यता-संस्कृति के संरक्षण के लिए संकल्प भी लिया।

 आदिवासी समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान किया।

 आदिवासी समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान किया। उन्होंने देश के विभिन्न आईआईटी, एनआईटी मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत 51 छात्रों को लैपटॉप प्रदान किया। श्री बघेल ने समारोह में युवा कैरियर निर्माण योजनांतर्गत विभिन्न शासकीय सेवाओं में चयनित 10 प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री जब विद्यार्थियों को लैपटॉप और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित कर रहे थे तभी एक छात्रा ने उनके साथ सेल्फी लेने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने छात्रा के हाथ से मोबाइल लेकर उनके साथ सेल्फी लेकर उत्साहवर्धन किया।
मुख्यमंत्री ने समारोह में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के राष्ट्रीय स्तर स्वर्ण, कास्य पदक 7 विजेता-प्रतिभागियों को सम्मानित किया। खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। इसी प्रकार विभागीय योजनाओं से मेरिट में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, पी.एच.डी. के शोध विद्यार्थी, आदर्श अधीक्षक तथा अंत्यावसायी विभाग की योजनाओं में हितग्राहियों को सामग्री का वितरण किया गया। कार्यक्रम में आदिवासी विकास विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं के प्रतिभागी छात्रों को सम्मानित कर पुरस्कृत किया गया।

विशिष्ट अतिथि के रूप में ये थे उपस्थित

समारोह की अध्यक्षता आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने की। इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, विधायक मोहन मरकाम और शिशुपाल सोरी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

 

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