The five sons of Kaliyugi kept fighting

पामगढ़ (khabargali) बहुएं भी बेटी या बेटे से कम नहीं होती हैं एक बार फिर साबित हो गया। खबर जांजगीर-चांपा का हैं जहां 4 बहुओं ने मिलकर अपने ससुर का अंतिम संस्कार किया। पांच बेटे आपस में लड़ते रहे, तब बहुओं ने ससुर के क्रियाकर्म का फैसला किया। अर्थी उठाने से लेकर मुखाग्नि देने का काम बहुओं ने ही मिलकर किया।