वो लब्ज आते-आते तेरे होंठों पे ही थम गए थे..वो रातें बैठे-बैठे गुनगुनाते हुए गुजर गए थे

स्वयं गीत लिखा और मोहक आवाज और माधुर्य संगीत में पिरोया, सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें-

https://youtu.be/p5jBfONCyOM?si=Kv0BBsoGgKGb5fe6