
रायपुर (khabargali) बढ़ते प्रदूषण और हरे- भरे वातावरण की कमी को देखते हुए, समय की मांग और जरुरत समझते हुए , टीनेजर आयुष चेलानी ने शहर की प्रकृति के लिये काम करने वाला " टीम ऑफ ट्री " नाम का क्लब का गठित किया है। उसने इस मुहिम की शुरुवात अपने स्कूल एन एच गोयल से प्रिंसिपल शिलादित्य घोष व एडमिनिस्ट्रेटर एस के तोमर की उपस्थिति में किया।
पेड़ो के महत्व को जाना
पेड़ो के अनगिनत महत्वो जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड को सोख कर शुद्ध करना , ऑक्सीजन को देना , वातावरण को दुरुस्त रखना , ग्लोबल वार्मिंग को कम करना , कई पक्षियों के लिए घर बनाना , भू - संरक्षण करना , छाया,फल, फूल देना , को समझते हुए इस टीनेजर ने प्रकृति के लिए अच्छी शुरुवात की है। प्रकृति के लिए काम करने के उद्देश्य से , आयुष ने अपनी दिनचर्या में से रोज कुछ समय पेड़ो को देना का निश्चय किया ।वो और उसके साथी न केवल वृक्षारोपण करेंगे बल्कि उसकी देखभाल का जिम्मा भी उठाएंगे।
शुरुआत स्कूल से की
आयुष ने इस एक्टिविटी की शुरुवात अपने स्कूल से की है , और अब वो अपनी सोसाइटी में भी पौधरोपण करेगा। आयुष ने बताया कि" मुझे प्रकृति की गोद में समय बिताना पसंद है। बढ़ते तापमान , प्रदूषण में बढ़ोतरी , व कोरोना काल को देखते हुए मुझे केवल इतना समझ आया की प्रकृति से बेहतर कोई आरोग्य करनेवाला नहीं है। अगर हर एक व्यक्ति अपने हिस्से की जिम्मेदारी समझता हुआ आगे आकर कुछ करता है, तो आगे होने वाले नुकसान से पृथ्वी को बचाया जा सकता है। मैंने "टीम ऑफ ट्री " की अपनी शुरुवात के लिए अपने स्कूल का चुनाव इसलिए किया क्यूंकि ये एक ऐसी जगह है जहाँ देखभाल करना आसान रहेगा। आगे अपने दोस्तों को इसका हिस्सा बनाकर मैं अपनी टीम को बढ़ाऊंगा। जो मुझे और रोमांचित करता है वो ये है की आज तक जितने भी प्रकृति से जुडी मुहिम थी वो सभी बड़े बुजर्गो द्वारा शुरू किया गया हैं , ये पहली ऐसी शुरुआत है जो जिसकी जिम्मेदारी हम छोटों ने ली है। उम्मीद करते है इससे हमारी उम्र के लोगो को भी प्रेरणा मिलेंगी और वो हमारे साथ आगे बढ़ेंगे।
मुहिम को बढ़ाने एक वेबसाइट भी बनाई
आयुष ने अपनी मुहिम को बढ़ाया देने एक वेबसाइट http://www.teamfortrees.com का भी निर्माण किया है , जहाँ लोग अपनी इच्छानुसार जन्मदिन,शादी की सालगिरह या किसी खास मौके पर पेड़ो का दान दे सकते हैं। आयुष ने बताया हम उन पेड़ो को लगाकर उनकी देखभाल करेंगे। 500 पौधे से शुरुआत की है, धीरे -धीरे इनकी संख्या बढ़ाया जाएगा।

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