रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ की कवयित्री उर्मिला देवी उर्मि ने अंतरराष्ट्रीय पटल काव्य हिंदुस्तान के वार्षिक उत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित ऑनलाइन कवि सम्मेलन के अवसर पर 15 मिनट में 7 भाषाओं में स्वरचित कविताओं का सुमधुर पाठ कर विश्व भर के साहित्य साधकों एवं साहित्य अनुरागियों को अचंभित कर दिया । क़तर की जानी- मानी कवयित्री शालिनी गर्ग के संचालन में कवयित्री उर्मि ने संस्कृत, हिंदी, राजस्थानी , छत्तीसगढ़ी, उर्दू , पंजाबी और ब्रज भाषाओं में समाज उपयोगी संदेश परक कविताएं सुना कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
जानकारों का कहना है कि 15 मिनट के समय में किसी एक रचना कार द्वारा सात (7) भाषाओं में स्वरचित कविताओं का पाठ अपने आप में एक कीर्तिमान जैसा है। उर्मि ने बताया कि जुलाई में होने वाले कार्यक्रम में वह 8 भाषाओं में स्वयम् की लिखी कविताओं का पाठ करने वाली हैं । यह आठवीं भाषा अंग्रेजी भाषा होगी । यद्यपि पहले भी वह अनेक भाषाओं में कविता पाठ कर चुकी है , किंतु एक ही कार्यक्रम में 7 -8 भाषाओं में स्वरचित कविताओं की प्रस्तुति अभी संभव हो पाई है ।
दिनांक 14 जून 22 को अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन कवि सम्मेलन में विभिन्न भाषाओं में उर्मि द्वारा प्रस्तुत रचनाओं की कुछ पंक्तियां ..
हिंदी --- सुने गौर से दुनिया सारी , भारत में बढ़ ललकारा है । लद्दाख से लेकर पी ओ के तक , सारा का सारा, सारा कश्मीर हमारा है
संस्कृत --- गायति मम हृदयम् तु जय जय भारत। अखण्ड भारत, समृद्ध भारत ।
राजस्थानी--- मन में राख जे बिसवास, तनै फऴ मैहणत रा मिऴ जावै ला ।
छत्तीसगढ़ी में --- जै जै छत्तीसगढ़ महतारी, सबले सुग्घर तैं, सबले पियारी ।
ब्रज --- सखिन संग होरी खेलैं स्याम, चंचल चितवन लागै नीकी
उर्दू में -- दिले नादान की तो बस फ़क़त इतनी कहानी है ।
पंजाबी में -- साडे मुल्क दा मान रवे होर तिरंगे दी दुनिया विच शान रवे ।
उल्लेखनीय है कि हिंदी भाषा और साहित्य की सेवा के लिए हांगकांग, मकाउ, मारीशस , थाईलैंड, मलेशिया , इंडोनेशिया बैंकॉक , वियतनाम , कंबोडिया , दुबई देशों के साथ - भारत के विभिन्न मंचों पर साहित्य -सेवा और मंच -संचालन के लिये कई बार सम्मानित कवयित्री उर्मिला देवी उर्मि द्वारा.. हिंदी , अंग्रेजी , संस्कृत , छत्तीसगढ़ी, राजस्थानी भाषाओं में गद्य -पद्य दोनों प्रकारों में रची गई रचनाएं राष्ट्रीय - अंतर्राष्ट्रीय पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित होने के साथ-साथ आकाशवाणी , दूरदर्शन तथा अन्य चैनलों से प्रसारित होती रहती हैं । नशा मुक्ति और पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण अभियान के लिए सम्मानित होने के साथ कोरोना योद्धा के रूप में भी सम्मानित ।
रायपुर छत्तीसगढ़ की साहित्यकार , शिक्षाविद , समाजसेवी उर्मिला देवी उर्मि देश- की अनेक साहित्यिक - सामाजिक संस्थाओं जैसे अखिल भारतीय राष्ट्रीय कवि संगम( प्रांतीय महामंत्री) , दी अरूज़ फाउंडेशन ( प्रदेश उपाध्यक्ष ) , गृहस्वामिनी अंतरराष्ट्रीय ( नेशनल एंबेसडर ), राष्ट्रीय साहित्य वाटिका(प्रांतीय मुख्य संयोजक ) , संस्कृत भारती ( साहित्य प्रभार )अखिल भारतीय गोरक्षा महासंघ (प्रदेश अध्यक्ष ) आदि के साथ अनेक संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदों के दायित्व निर्वहन के साथ साथ .. उदीयमान प्रतिभाओं के परिष्कार में संलग्न है ।
- Log in to post comments