रायपुर (Khabargali) सामाजिक कुरीतियों एवं अंधविश्वास के खिलाफ जनजागरूकता के लिए वर्षों से अभियान छेड़ने वाली प्रदेश की प्रसिद्ध संस्था अंधविश्वास निर्मूलन समिति को यह मलाल है कि उनकी समिति का इस बार कोरोना की महामारी के चलते डायन/टोनही के सन्देह में प्रताड़ित महिलाओं से राखी बंधवाने का क्रम इस बार टूट गया,पर संकल्प कायम है. ख़बरगली से विशेष बातचीत में संस्था के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से रक्षाबंधन में जादू टोने से प्रताड़ित महिलाओं से मिलने, उन्हें सांत्वना देने, उन्हें बातचीत करने ,उनसे रक्षाबंधन पर राखी बंधवाने का जो सामाजिक कार्यक्रम हम करते आ रहे थे इस बार कोरोना के संक्रमण के कारण लगे हुए लॉक डाउन के नियमों व के सोशल डिस्टेन्स की सावधानियों के निर्देशों चलते नही हो पाया. न ही ग्रामीण अंचल में हमारा प्रवास हो पाया और न ही किसी महिला और उनके परिजनों से मुलाकात हो पाई. उनसे मिलने - जुलने का क्रम अधूरा रह गया ,और फ़ोन पर बातचीत से सम्पर्क तो बना रहा , हमारा इंतजार भी होता रहा पर पहुंचना सम्भव न हो पाया.
डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि अंधविश्वास के कारण प्रताड़ित एवं एक तरह से अपने ही लोगों के बहिष्कृत ऐसी निर्दोष महिलाओं के पुनः सामाजिक मेल मिलाप ,तथा उन्हें पुनः उनके गांव में सम्मानजनक रूप से पुनर्वास के लिए जब हमने यह काम आरंभ किया था तो प्रारंभ में कुछ बाधाएं तो आईं पर जब उस मार्ग पर चलते रहे तब धीरे धीरे बाधाएं दूर होती गयीं . रास्ता बनने लगा, और मंजिल मिलने लगी, प्रारम्भिक रुकावटों के बावजूद भी अभियान आगे बढ़ाता गया.
डॉ. दिनेश मिश्र ने ख़बरगली के माध्यम से उन सभी महिलाओं से अपील की है कि अब जब भी कोरोना से जंग जीतने के बाद लॉक डाउन खत्म होगा हम फिर निकलेंगे, मिलेंगे, साथ बैठेंगे दुख सुख बाँटेंगे, आप सभी लोग भी जहाँ पर हैं अपना ध्यान रखिये, नियमों का पालन करते हुए स्वस्थ बने रहें. इस बार रक्षा बन्धन भले ही कलाई पर न बंध पाया हो ,पर हिफाजत, रक्षा का जो बीड़ा हमने उठाया है,वह हमेशा ही पूरा करने का प्रयास करते रहेंगे.
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