
जगदलपुर (खबरगली) बस्तर संभााग से छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने वाला मानसून तय समय से 18 दिन पहले दंतेवाड़ा पहुंच गया था। लेकिन अब बस्तर में दस्तक देने के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून अब रास्ता भटक गया है। वह उत्तर-पूर्व होते हुए बांग्लादेश की ओर बढ़ गया है। इसकी वजह से मानसूनी गतिविधियां थोड़ी कमजोर हो गई है। इससे अब आने वाले चार-पांच दिनों तक बारिश के आसार कम है। रविवार को बस्तर में मौसम पूरी तरह से खुला रहा, जिससे उमस बढ़ गई, लोग उमस से हलाकान रहे। अधिकतम तापमान 32 सेंग्रे दर्ज किया गया है। हालांकि इस दौरान आसमान में बादलों की उपस्थिति बने रहने से स्थानीय प्रभाव से तेज बौछारें पडऩे की संभाावना भी व्यक्त की गई हैं, वहीं इससे उमस बढने की संभवना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि मानसूनी हवा अभी मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, भवानीपटना, पुरी, बालुरघाट से गुजर रही है। साथ ही बांग्लादेश के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र बीते 6 घंटे के दौरान 23 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उत्तर-पूर्व की ओर आगे बढ़ गया और उत्तरी बांग्लादेश तथा मेघालय से सट गया है। अगले 12 घंटे के दौरान इसके कमजोर पडने की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिक गायत्रीवाणी कांचीभोटला ने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून का प्रवेश दंतेवाड़ा में 28 मई को हुई है, अगले दिन मानसून कोंडागांव और नारायणपुर तक सिमट गया है। अनुकूल परिस्थिति नहीं बन पाने की वजह से पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में मानसून आने वाले एक सप्ताह तक नहीं पहुंच पाएगा।
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