BIG BREAK: शराब के 28 सौ करोड़ कोषालय में नहीं हुआ जमा, अन्य मदों में खर्च..जेसीसी विधायक धर्मजीत का आरोप

vidhan sabha cg

कवासी लखमा पर आरोप- 11 हजार 128 करोड़ की शराब बिक्री में 2 हजार 8 सौ 56 करोड़ का हिसाब नहीं ! सदन से जाँच की मांग...विस अध्यक्ष ने कहा जरूरत पड़ी तो जांच होगी

रायपुर (khabargali) शराब बिक्री से प्राप्त करीब 28 सौ करोड़ की राशि कोषालय में जमा न कर अन्य मदों में खर्च करने का मामला मंगलवार को विधानसभा में उठा। जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने मामला उठाते कहा कि सरकार के जवाब में बताया गया है कि 11 हजार 128 करोड़ रुपये की शराब सरकारी दुकान से बेची गई. जबकि कोषालय में 8 हजार 278 करोड़ रुपये जमा हुआ है. ऐसी स्थिति में 2856 करोड़ रुपये कहाँ गए? जनता कांग्रेस के विधायक धर्मजीत सिंह ने आरोप लगाया कि पिछले चार साल में 10 हजार करोड़ का बंदरबांट हुआ है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने इस बात से इंकार किया कि शराब बिक्री से प्राप्त धनराशि में अफरा-तफरी हुई है। श्री सिंह के जोर देने पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि  प्रकरण का परीक्षण करने के बाद जरूरत पड़ी, तो इसकी विधानसभा की समिति से जांच कराई जाएगी।
प्रश्नकाल में जनता कांग्रेस के सदस्य धर्मजीत सिंह ने मामला उठाया। इसके जवाब में आबकारी मंत्री ने बताया कि 11 हजार 128 करोड़ रुपये की शराब सरकारी दुकान से बेची गई। जबकि कोषालय में 8 हजार 278 करोड़ रुपये जमा हुआ है। श्री सिंह के पूरक सवाल के जवाब में आबकारी मंत्री ने कहा कि 2856 करोड़ रुपये शराब खरीदी, शराब के परिवहन जैसे मदों में खर्च किए गए हैं।
सदस्य धर्मजीत सिंह ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि शराब बिक्री का सारा पैसा कोषालय में जमा होना चाहिए। इसके बाद ही वहां से अन्य मदों में खर्च किया जा सकता है। धर्मजीत सिंह ने कहा कि ये आपकी दुकान नहीं है कि सरकारी पैसा खर्च कर देंगे. पहले ये पैसा कोषालय में जमा होना चाहिए था. इसमें बड़ा घोटाला हुआ है, इसकी जांच कराई जानी चाहिए. मैं इसकी मांग करता हूँ.  मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि इस मामले में किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है. शराब खरीदने में राशि खर्च की गई है. इसमें गड़बड़ी हुई है और उन्होंने इसकी जांच की मांग की। इस पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि इस मामले में किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है। शराब खरीदने में राशि खर्च की गई है।
जनता कांग्रेस के सदस्य श्री सिंह ने कहा कि मंत्री पर गलत बयानी का आरोप लगाया। 2856 करोड़ रुपये कोषालय में जमा हुआ ही नहीं है। सरकार के रिकॉर्ड में यह बिक्री नहीं आई है। महासमुंद में नौ करोड़ रुपये की अब तक की वसूली नहीं हुई है। इस पर आबकारी मंत्री ने कहा कि महासमुंद का प्रकरण पिछली सरकार का है और इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस दौरान सत्तापक्ष के सदस्यों की टोका-टाकी पर जनता कांग्रेस के सदस्य ने नाराजगी भी जताई। कांग्रेसी सदस्य बृहस्पति सिंह ने टिप्पणी की, जिस पर नाराज होकर धर्मजीत सिंह ने कहा कि इस तरह से मानव बम खड़ा ना करवाया जाए। इस तरह से विपक्ष के सवालों को रोका नहीं जा सकता। उन्होंने पूरे मामले की विधानसभा कमेटी से जांच कराने की मांग की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने भरोसा दिलाया कि वे प्रकरण को देखेंगे और जरूरत पड़ी तो विधानसभा की कमेटी से जांच कराई जाएगी।

Related Articles