
विभागवार जानकारी मंगवाई गई
संविदा कर्मियों पर एस्मा का असर नहीं
प्रदेश के एक लाख संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर 22 दिनों से आंदोलनरत हैं
रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ के संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियमितीकरण को लेकर एक बार फिर से सुगबुगाहट शुरू हो गई है। संविदाकर्मियों के मुद्दे पर मंत्री रविन्द्र चौबे ने बड़ा बयान दिया है। मंत्री रविन्द्र चौबे ने इस मुद्दे पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि नियमतिकरण को लेकर मंत्रिमंडल में चर्चा हो गई है। विभागवार जानकारी मंगवाई गई है। जल्द ही सरकार इस पर निर्णय भी लेने वाली है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को आदेश जारी कर एक सप्ताह के भीतर ऐसे सभी कर्मचारियों की जानकारी मांगी है।
शासन के इस आदेश के बाद विभागवार जानकारी संकलन का काम भी शुरू हो गया है। इस आदेश के बाद एक बार फिर प्रदेश के संविदा कर्मियों के साथ ही दैनिक वेतन भोगी, अनियमित दैनिक श्रमिकों में नियमितीकरण की उम्मीद जगी है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले ही राज्य सरकार कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि 15 अगस्त को CM भूपेश बघेल कर्मचारियों को नियमितीकरण का तोहफा देने की घोषणा भी कर सकते हैं।
सरकारी विभागों को निर्देश जारी
सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव एस के सिंह ने 25 जुलाई को सारे सरकारी विभागों को एक पत्र जारी किया हैं। जिसमें 7 दिन के भीतर ही सभी कर्मचारियों की जानकारी मांगी हैं। सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति व संविदा, अनियमित और दैनिक वेतन पर कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों की अलग-अलग रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
इतना आसान नहीं हैं...
नियमितीकरण भी इतना आसान नहीं हैं कितना वित्तीय भार कोष पर पड़ेगा यह भी बड़ा सवाल है। विभाग के कामकाज पर भी असर दिखने लगा है क्योकि कई जगहों पर संविदा कर्मियों के भरोसे ही काम चल रहा है। कुल मिलाकर पेंच फंस गया है। यदि बड़े फैसले पर मुहर लगती है तो एक बड़ा चुनावी फायदा में चुनाव में मिलेगा। हालांकि एक बड़ा सवाल है कि संविदाकर्मी अगर नियमित हुए तो तैयारी कर रहे लाखों युवाओं का क्या होगा ?
कर्मचारियों का जारी है आंदोलन
मालूम हो कि प्रदेश के एक लाख संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर नवा रायपुर में 23 दिनों से आंदोलन कर रहे है। उनकी हड़ताल की वजह से आम लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने संविदा कर्मचारियों की हड़ताल पर एस्मा भी लगा दिया है। इसके बावजूद वे अड़े हुए है। सेवा समाप्ति का भी उनमें डर नजर नहीं आ रहा है। हालांकि सरकार की ओर से बार बार प्रस्ताव दिया जा रहा है पहले हड़ताल खत्म कर काम पर लौटे। बुधवार को नवा रायपुर स्थित तूता में अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे संविदा कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ धरनास्थल पर जमकर नारेबाजी की। इसके बाद दोपहर में घुटनों के बल चलकर और दंडवत रैली निकाली। इस दौरान संविदा कर्मचारियों ने संवाद करने के लिए ज्ञापन सौंपा।
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