छत्तीसगढ़ में निवेशकों का भरोसा बढ़ा, जमीनी क्रियान्वयन तेज़, नए उद्योगों से बढ़ेगा रोज़गार के अवसर

Investor confidence in Chhattisgarh has increased, implementation on the ground is fast, new industries are increasing employment opportunities. Hindi News latest News khabargali

रायपुर (खबरगली)  छत्तीसगढ़ अब सिर्फ निवेश आकर्षित नहीं कर रहा उन्हें तेज़ी से ज़मीन पर भी उतार रहा है। नवंबर 2024 से अब तक राज्य ने 18 क्षेत्रों में 27.83 लाख करोड़ रूपए के 219 निवेश प्रस्ताव हासिल किए हैं। इनमें सेमीकंडक्टर और एआई से लेकर सीमेंट, बिजली और मैन्युफैक्चरिंग तक शामिल हैं। ये परियोजनाएँ राज्य के अन्य जिलों में फैली हैं, जिनसे 1.5 लाख रोजगार सृजित होंगे और यह पूरे राज्य में संतुलित विकास की ओर एक बड़ा संकेत है। नए उद्योगों से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे l प्रेस वार्ता में सी एस आई डी सी के अध्यक्ष  राजीव अग्रवाल, सचिव उद्योग  रजत कुमार, संचालक उद्योग  प्रभात मालिक, सी एस आई डी सी के प्रबंध संचालक  विश्वेश कुमार मौजूद थे। 

अब निवेश केवल रायपुर तक सीमित नहीं हैं। प्रश्तवित निवेशों की विशेष बात ये है कि हर 5 में से। निवेश (21 प्रतिशत) आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में हैं। 33 प्रतिशत रायपुर संभाग में और 46 प्रतिशत बिलासपुर, दुर्ग और सरगुजा संभागों में।

क्षेत्रीय विविधता ने मजबूती दी है। लगभग 50 प्रतिशत निवेश प्राथमिक (थ्रस्ट) क्षेत्रों में हैं जैसे सेमीकंडक्टर और एआई डेटा सेंटर पार्क वहीं सीमेंट और बिजली जैसे पारंपरिक उद्योग भी मजबूत बने हुए हैं। कुल निवेश प्रस्तावों में 57 परियोजनाएँ 1,000 करोड़ रूपए से अधिक की है और 34 परियोजनाएँ 1,000 से ज्यादा रोजगार देने वाली हैं।

असल कहानी है तेज़ क्रियान्वयन की। 6.063 करोड़ रूपए की 9 बड़ी परियोजनाएँ चालू हो चुकी हैं, जिनसे उत्पादन शुरू हो गया है और 5,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इसके अलावा 109 परियोजनाएँ यानी लगभग आधी उन्नत चरण में हैं। ये या तो निर्माणाधीन हैं या भूमि आवंटन के बाद आगे बढ़ चुकी हैं। ये 24 जिलों और 16 क्षेत्रों में फैली हैं और जल्द ही 87,132 रोजगार सृजित करेंगी। खास बात यह है कि इनमें से 58 प्रतिशत परियोजनाएँ आतिथ्य एवं स्वास्थ्य, फूड प्रोसेसिंग, आईटी, इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और फार्मा जैसे प्राथमिक क्षेत्रों से जुड़ी हैं।


प्रमुख परियोजनाएँ इस रफ्तार को साफ दिखाती हैं। पोलिमेटेक की 10,000 करोड़ रूपए से अधिक की सेमीकंडक्टर फेक्ट्री जो छत्तीसगढ़ की पहली हे को सिर्फ 45 दिनों में भूमि आवंटित हुआ और काम तेज़ी से शुरू हुआ। रेकबैंक का 1,000 करोड़ रूपए का एआई डेटा सेंटर पार्क- देश का पहला-अब लगभग पूरा होने वाला है। ड्रल्स का 625 करोड़ रूपए का पेट फूड विस्तार प्रोजेक्ट ट्रायल प्रोडक्शन में है और इससे 3,000 रोजगार मिलेंगे। वी-राइज़ का तीसरा भारत कार्यालय एक आईटी यूनिट निर्माणाधीन है। अल्ट्राटेक सीमेंट का 1,600 करोड़ रूपए का निवेश चालू हो चुका है। आदित्य बिड़ला समूह का 67.5 मेगावाट का सोलर प्लांट मई में शुरू हो गया। वहीं बस्तर में रापपुर स्टोन क्लिनिक का 350-बेड अस्पताल लगभग तैयार है, जिससे आदिवासी परिवारों को उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलेंगी

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, ‘जो राज्य कभी मुख्य रूप से लोह और इस्पात के लिए जाना जाता था. वह अब सेमीकंडक्टर, एआई डेटा सेंटर पार्क, नवीकरणीय ऊर्जा, फूड प्रोसेसिंग और उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं जैसे नए क्षेत्रों का केंद्र बन रहा है। कंपनियाँ सिर्फ निवेश का निर्णय नहीं ले रहीं, बल्कि जल्द से जल्द काम शुरू करना बाहती हैं। हमारी सरकार हर उद्यमी के लिए व्यापार को आसान बनाने और हर चरण में पूरा सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।‘

मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा, ‘सुधारों ने विवेकाधिकार की जगह पारदर्शिता लाई है. जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। इसका असर साफ दिखता है सरल प्रक्रियाएँ और बड़े पैमाने पर जमीन पर उतरती परियोजनाएँ। यह साबित करता है कि संवेदनशील शासन उद्योग को गति देता है।‘

वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव  रजत कुमार ने कहा हमारा फोकस यह सुनिश्चित करता है कि निवेश प्रस्ताव के बाद निवेशकों की गति न रुके। तेज़ भूमि आवंटन, डिजिटल स्वीकृतियों ओर बेहतर समन्वय से कंपनियों बिना देरी के इरादे से निर्माण तक पहुंच पा रही है।

इस तेज़ उछाल के पीछे कई अग्रणी सुधार हैं-132 स्वीकृतियों के लिए वन-क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम जन विश्वास अधिनियम के तहत 279 छोटे अपराधों का अपराधमुक्तिकरण (दो जन विश्वास अधिनियम लागू करने वाला पहला राज्य), स्वचालित भूमि म्यूटेशन लागू करने वाला पहला राज्य; एफएआर और ग्राउंड कवरेज में वृद्धि और सेटबेक में कमी, डिजिटल भूमि विवरण (रजिस्ट्री. आरओआर, टैक्स बकाया, न्यायालय प्रकरण); लेआउट और भवन स्वीकृति के लिए एकीकृत सॉफ्टवेयर, 24ग7 संचालन और विस्तारित फायर एनओसी। इन सुधारों के चलते डीपीआईआईटी से चार श्रेणियों में ‘टॉप अचीवर‘ की मान्यता मिली।

ये सभी पहल केवल आर्थिक विकास नहीं, बल्कि गति, जवाबदेही और ज़मीनी परिणामों पर केंद्रित प्रशासनिक संस्कृति को दर्शाती हैं। निवेश की विविधता और क्रियान्वयन की रफ्तार एक बात साफ कर देती है-छत्तीसगढ़ अब सिर्फ निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहा, बल्कि वास्तविक परियोजनाएँ बना रहा है, वास्तविक रोजगार पैदा कर रहा है और वास्तविक बदलाव ला रहा है।


 

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