"देखो अपना देश".. हिडन ट्रेजर ऑफ छत्तीसगढ़ की प्रस्तुति वेबीनार के जरिए

Dekho apna desh, webinar, khabargali

वेबिनार में देशभर के लगभग 1139 लोगों ने जुड़कर छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों के प्रति अपनी रुचि दिखाई

Image removed.

रायपुर (khabargali) भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा वेबीनार के जरिए "देखो अपना देश" श्रृंखला के तहत आज दिनांक 9 जून को हिडन ट्रेजर ऑफ छत्तीसगढ़ की प्रस्तुति प्रातः 11:00 से 12:00 के बीच संपन्न की गई। इस वेबिनार को पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार,नई दिल्ली की अतिरिक्त महानिदेशक सुश्री रुपिंदर बरार ने होस्ट किया। छत्तीसगढ़ शासन पर्यटन विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने नैसर्गिक सुंदरता से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ के विभिन्न पर्यटन स्थलों की संक्षिप्त जानकारी देते हुए वक्ताओं का परिचय कराया। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड की प्रबंध संचालक इफ्फत आरा, बोर्ड के अधिकारियों के साथ इस वेबिनार में शामिल हुईं।

 

छत्तीसगढ़ के जाने-माने टूर ऑपरेटर और ट्रैवलर जसप्रीत भाटिया ने इस वेबिनार को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के ऐसे पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी दी जिसके अनजाने और अनछुए पहलू से देश ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश पर्यटक भी अनभिज्ञ हैं। श्री भाटिया ने देश के विभिन्न राज्यों से छत्तीसगढ़ के एयर, रेलवे और रोड कनेक्टिविटी की जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ भारत के 7 राज्यों की सीमाओं से घिरा हुआ है। राजधानी रायपुर में विश्वस्तरीय चैन आफ होटल्स की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के लगभग अधिकांश पर्यटन स्थलों में आकर्षक लोकेशन पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के होटल,मोटल और रिसॉर्ट भी पर्यटकों की सुविधा के लिए संचालित है। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास काल के दौरान छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थलों से गमन करते दंडकारण्य (बस्तर) से दक्षिण में प्रस्थान किया था। इस तरह छत्तीसगढ़ में राम वन गमन परिपथ भी पर्यटकों के लिए देखने लायक है। जसप्रीत ने बताया कि छत्तीसगढ़ की बहुत सी साइट ऐसी है जो वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल ना होते हुए भी वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल साइट से किसी भी तरह कम नहीं है।

अनएक्सप्लोर्ड बस्तर के संस्थापक जीत सिंह आर्या ने इस वेबीनार में छत्तीसगढ़ के बस्तर में जैव विविधता से भरपूर और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण ऐसे पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी दी जिससे पर्यटक अब तक अनजान हैं।केवल बस्तर में ही 50 से अधिक वाटर फाल्स, लगभग 57 गुफाएं और ऐसी विभिन्न जन जातियां हैं जिनके रहन-सहन, खान-पान,कला-संस्कृति पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। हिमालय के बाद सबसे लंबी गुफा बस्तर में पाई गई है। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा शक्तिपीठ मां दंतेश्वरी की महिमा का बखान करते हुए उन्हें समर्पित होता है। बस्तर के हाट,स्थानीय बाजार, मेले- मड़ई, हस्तशिल्प,बर्डिंग- हैवेन,बस्तर मैना,कैंपिंग, रीवर रैपलिंग, नेचर थेरेपी जड़ी बूटियां विश्व प्रसिद्ध हैं।

  केरल के प्रसिद्ध ट्रैवलर और ब्लॉगर थोमेन जोस ने छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों,जनजातीय समुदायों और जैव विविधता के करीब आने के लिए विदेशों की तर्ज़ पर "स्लो ट्रेवल" का उदाहरण देते हुए इसे छत्तीसगढ़ के लिए बहुत ही उपयुक्त बताया जिससे कि कोई भी पर्यटक जब छत्तीसगढ़ में पर्यटन के लिए आए तो वो यहां की विशेषताओं के साथ अपने आप को जोड़ सके। देश के वनाच्छादित भूभाग का लगभग 44% भाग अपने आप में समेटे हुए अद्वितीय छत्तीसगढ़ में देखने के लिए बहुत कुछ है,ढूंढने के लिए बहुत कुछ है,यहां की खूबसूरती के साथ जुड़ने के लिए बहुत कुछ है..बस.पर्यटकों के लिए जरूरत है तो इस बात की कि पर्यटक छत्तीसगढ़ आकर यहां के नैसर्गिक खज़ाने को स्वयं ढूंढें। बस्तर की मारिया, मुरिया, धुर्वा तथा अन्य ऐसी जनजातियां हैं जो अपनी कला,संस्कृति, खान-पान, हस्तशिल्प, घोटुल,मुर्गा लड़ाई के लिए विश्व प्रसिद्ध है। छत्तीसगढ़ में फागुन मडई के नाम से आयोजित होने वाले मेले की रंगीनीयत देखते ही बनती है। संपूर्ण छत्तीसगढ़ का लैंडस्केप पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काफी है।

इस वेबिनार में देशभर के लगभग 1139 लोगों ने जुड़कर छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों के प्रति अपनी रुचि दिखाई.. अंत में पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की अतिरिक्त महानिदेशक रुपिंदर बरार ने छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा, कोरबा, रायगढ़ और जगदलपुर में तैयार किए जाने वाले हथकरघा के अन्तर्गत कोसा सिल्क और टसर सिल्क के बारे में जानकारी देते हुए मैनपाट के जलजली पर्यटन स्थल का विशेष रूप से उल्लेख किया और छत्तीसगढ़ को स्पलेंडिड (शानदार) स्टेट की संज्ञा देते हुए वेबिनार का समापन किया।

Image removed.Image removed.Image removed.

 

Category