डीजे बजाने वाले कर रहे हैं हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना,अवमानना का प्रकरण दायर हो :छग नागरिक संघर्ष समिति

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कलेक्टर-एसपी को सौंपा ज्ञापन..कोर्ट के ध्वनि प्रदूषण के अन्य आदेशों का भी पालन किया जाये

 रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति के सदस्यों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से मिल कर बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद पूरे प्रदेश में व्यवसायिक गाडिय़ों पर धुमाल पार्टी द्वारा साउंड बॉक्स लगाकर तेजी से कान फाडू म्यूजिक बजाया जाता रहा। जिसके कारण कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध अवमानना समिति द्वारा दायर की गई, जिसे अत्यंत गंभीरता से लेते हुए माननीय न्यायालय ने छत्तीसगढ़ के एडवोकेट जनरल को जवाब देने हेतु कहा है, यह अवमानना याचिका माननीय न्यायालय में लंबित है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पूर्व में जनहित याचिका नितिन सिंघवी विरुद्ध राज्य में दिए गए आदेश में स्पष्ट किया है कि कानून का उलंघन किये जाने पर सम्बंधित अधिकारी पर के आदेश की अवमानना की कार्यवाही होगी। कलेक्टर तथा एसपी सुनिश्चित करें कि कोई भी वाहन पर साउंड बॉक्स न बजे।

समिति ने रखी यह मांग ..

1-समिति के सदस्यों ने मांग की है कि जनहित याचिका में कोर्ट ने आदेशित किया है कि संबंधित अथॉरिटी द्वारा मना करने के बावजूद भी म्यूजिक और साउंड बजाए जाने के प्रकरणों में दोषियों के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अवमानना प्रकरण दर्ज किया जावे। अत: 2 दिन पूर्व राखी गांव में पुलिस द्वारा मना करने के बावजूद भी देर रात तक ध्वनि निकालने वाले दोषियों पर माननीय उच्च न्यायालय में अवमानना प्रकरण दर्ज किया जावे।

2-एक हेल्प लाइन नंबर जारी किया जाये जहाँ पर सड़कों पर धुमाल बजने, विवाह कार्यक्रमों में नियम विरुद्ध तेज आवाज में और 10 बजे रात्रि बाद डी जे बजने, होटल और ओपन गार्डन में नियम विरुद्ध तेज आवाज में और 10 बजे रात्रि बाद डी जे बजने पर शिकायत दर्ज कराई जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि शिकायतकर्ता का नाम नंबर उजागर ना हो।

3-नॉइस पॉल्यूशन रेगुलेशन एंड कंट्रोल रूल्स 2000 पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत अधिसूचित किए गए हैं अत: निर्धारित डेसिबल से अधिक साउंड के प्रकरणों में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया जावे गौरतलब है कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कोर्ट में शिकायत दर्ज किए जाने पर 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान है तथा यह नॉन बेलेबल अपराध की श्रेणी में आता है।

4-धुमाल संचालकों, वाहन मालिकों पर कार्यवाहियों के साथ साथ उन गणेश समितियों, दुर्गा समितियों के पदाधिकारियों पर, विवाह संचालक पर कार्यवाही करवाने का कष्ट करें जिन्होंने धुमाल पार्टी को,ं वाहनों सहित बुलवाया था। इसी प्रकार शादियों में जिन के यहाँ शादी में गाडियों पर रख कर धुमाल बजाय गया हो, उन पर कार्यवाही की जावे।

5-उच्च न्यायालय ने वाहनों में धुमाल डी.जे लगाना मोटर वेहिकल एक्ट के प्रावधानों के विरुद्ध बताया है। छत्तीसगढ़ शासन परिवन विभाग की अधिसूचना क्र.554 दिनांक 25.10.2021 के अनुसार मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 182 ए (1) के तहत वाहन आल्टर करने पर एक लाख का जुर्माना लगाने का प्रावधान है अत: अधिसूचना अनुसार वाहन पर धुमाल बजने पर वहां जब्त कर रुपए एक लाख का दंड वसूला जाये।

समिति की तरफ से डॉ राकेश गुप्ता, विश्वजीत मित्रा, हरजीत जुनेजा, मंजीत कौल बल, डॉ संजय शुक्ला, जीवेश चौबे, मनीष पटेल, रविंद्र कुमार, संदीप कुमार यादव, रियाज अंबर, बाल कृष्ण अय्यर, इंद्रप्रस्थ रायपुरा से मनीष पांडे आयुषी पांडे सुनीला पांडे अक्षत पांडे ने ज्ञापन दिया .