इंडिगो द्वारा उड़ानों के रद्द करने पर छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने भेजा कानूनी नोटिस

Chhattisgarh Civil Society sends legal notice to IndiGo over flight cancellations IndiGo Airlines to pay 10 times the ticket price as compensation to affected passengers within five days Complaint sent to Prime Minister, Convener Dr. Kuldeep Solanki, Raipur, Khabargali

इंडिगो एयरलाइंस को पांच दिनों में पीड़ित यात्रियों को टिकट मूल्य का 10 गुना मुआवजा देना होगा

प्रधानमंत्री को भेजी शिकायत ₹9000 करोड़ (एक बिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाने की मांग

रायपुर (खबरगली) देशभर में इंडिगो एयरलाइंस द्वारा चार दिनों के भीतर 3450 से अधिक उड़ानों के अचानक रद्द किए जाने के खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने कड़ा रुख अपनाते हुए एयरलाइन प्रबंधन को विधिक नोटिस जारी किया है। सोसायटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने यह नोटिस इंडिगो एयरलाइंस के प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भेजते हुए कहा है कि यह कदम न केवल यात्रियों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि भारतीय कानूनों और नागरिक उड्डयन नियमों की भी खुली अवहेलना है। नोटिस में कहा गया है कि इंडिगो एयरलाइंस ने बिना किसी पूर्व सूचना और बिना पारदर्शी कारण बताए अत्यंत मनमाने ढंग से हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाओं को बाधित किया। यात्रियों को भारी आर्थिक नुकसान, मानसिक कष्ट और समय की हानि का सामना करना पड़ा है। प्रभावित लोगों में वरिष्ठ नागरिक, बच्चे, महिलाएं, रोगी तथा व्यवसायी बड़ी संख्या में शामिल हैं, जिनके लिए अचानक रद्दीकरण किसी आपदा से कम नहीं साबित हुआ।

छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने अपने नोटिस में स्पष्ट कहा है कि इंडिगो का यह कृत्य भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019, विमानन नियम तथा DGCA द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का गंभीर उल्लंघन है। सोसायटी ने इसे ‘घोर अनुबंधभंग’ (Breach of Contract) और ‘सेवा में कमी’ (Deficiency in Service) का स्पष्ट मामला बताया है। नोटिस में इंडिगो एयरलाइंस को आदेशित किया गया है कि वह प्रत्येक प्रभावित यात्री को उसके टिकट मूल्य का कम से कम दस गुना मुआवजा तथा होटल, वैकल्पिक यात्रा, चिकित्सा खर्च जैसे सभी प्रत्यक्ष नुकसान की पूर्ण प्रतिपूर्ति पाँच कार्य दिवसों के भीतर सुनिश्चित करे। साथ ही, कंपनी को इस बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द करने के वास्तविक और पारदर्शी कारणों का सार्वजनिक विवरण जारी करने को भी कहा गया है।

छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने आगे बताया है कि पीड़ित यात्रियों की ओर से इस मामले में माननीय प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री को विस्तृत शिकायत भेजी जा चुकी है। इस शिकायत में DGCA द्वारा विशेष जांच, इंडिगो एयरलाइन पर ₹9000 करोड़ (1 बिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने हेतु कड़े नए कानून बनाने की मांग की गई है। नोटिस में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि एयरलाइन ने निर्धारित समय सीमा के भीतर मुआवजा और जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की, तो सोसायटी प्रभावित यात्रियों के साथ मिलकर निम्न कानूनी कार्रवाइयाँ शुरू करेगी—

• राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) में सामूहिक मुकदमा,

• संबंधित दीवानी न्यायालयों में अनुबंधभंग और हानि की कार्रवाई,

• DGCA व अन्य प्राधिकरणों के समक्ष आपराधिक शिकायत दर्ज कराना।

सोसायटी ने यह भी कहा है कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं में आने वाले खर्च, हर्जाने और शुल्क का दायित्व पूरी तरह इंडिगो एयरलाइन पर रहेगा, क्योंकि यह संकट उसकी मनमानी और गैर-जिम्मेदाराना नीतियों का परिणाम है। अंत में, छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने इंडिगो प्रबंधन से इस मामले को “गंभीरता से लेते हुए तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने” की अपील की है। अन्यथा, संस्था ने स्पष्ट किया है कि वह सक्षम न्यायालयों और प्राधिकरणों में सिविल तथा आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के लिए बाध्य होगी।

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