जल्द ही डिजिटल हो जाएगा आपका वोटर आईडी कार्ड

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मोबाइल या लैपटॉप में सेव कर सकेंगे

नई दिल्ली (khabargali) अब जल्द ही आपके पास होगा डिजिटल वोटर आईडी कार्ड। चुनाव आयोग जल्द ही मतदाताओं को डिजिटल निर्वाचन फोटो पहचान पत्र उपलब्ध कराने की तैयारी में है, ताकि इसे कभी भी इस्तेमाल करने में मतदाताओं को आसानी हो सके। चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए हालांकि यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अधिकारी ने कहा, हम लगातार फील्ड स्तर पर मौजूद अधिकारियों से, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के कार्यकारी समूह और जनता से सुझाव और आइडिया लेते रहते हैं। जब उनसे पूरा गया कि क्या डिजिटल पहचान पत्र ऐसा होगा कि मतदाता उसे अपने मोबाइल फोन में किसी ऐप के जरिये हर समय अपने साथ रख पाएगा। इस पर अधिकारी ने कहा, एक बार चुनाव आयोग निर्णय कर ले तो उसके बाद सभी ब्योरे तय कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा, डिजिटल आईडी कार्ड को मोबाइल, वेबसाइट, ईमेल के जरिये कहीं पर भी सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने कहा, इससे तेज डिलीवरी और आसान पहुंच का मकसद भी हल हो जाएगा, क्योंकि मौजूदा पैनकार्ड प्रिंट होने और वोटर तक पहुंचने में समय लगता है। डिजिटल वोटर आईडी कार्ड अभी सिर्फ एक प्रस्ताव है, जिस पर चुनाव आयोग विचार कर रहा है। फिर भी सूत्रों के मुताबिक इसका इस्तेमाल अगले साल पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी चुनावों में किया जा सकता है।

आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस पहले से डिजिटल

बता दें कि सरकार आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस पहले से ही डिजिटल रूप में उपलब्ध करा रही है। डिजिटल वोटर आईडी कार्ड का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इस पर वोटर का चेहरा ज्यादा स्पष्ट दिखाई देगा और उसकी पहचान करना आसान होगा। एक अन्य वरिष्ठ निर्वाचक मंडल अधिकारी ने कहा कि तकनीक का दुरुपयोग होने से बचाने के लिए चुनाव आयोग कोई भी निर्णय करने से पहले डिजिटल आईडी कार्ड के सुरक्षा पहलुओं को परखेगा।

27 साल पहले अस्तित्व में आया था वोटर आईडी कार्ड

चुनाव आयोग की मतदाता सूची में शामिल वैध मतदाताओं को एक मतदाता पहचान पत्र उपलब्ध कराया जाता है। इसे सबसे पहली बार 1993 में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन ने लागू कराया था, जिससे चुनावी धांधली को रोकने में बेहद मदद मिली थी। इसके बाद से वोटर आईडी कार्ड में कई तरह के बदलाव हो चुके हैं। यह ब्लैक एंड व्हाइट से कलर और कागज से प्लास्टिक कार्ड पर शिफ्ट हो चुका है। वोटर आईडी कार्ड को देश में पहचान और पते के पक्के सबूत के तौर पर मान्यता मिली हुई है।

मोबाइल या लैपटॉप में सेव कर सकेंगे

जो भी व्यक्ति अपना वोटर आईडी कार्ड बनवाना चाहेगा, उसे आवेदन करते समय चुनाव आयोग को अपना मोबाइल नंबर, ई-मेल भी देना होगा। जब व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में आ जाएगा तो उसे इसकी जानकारी SMS और ई-मेल के जरिए दी जाएगी। एक OTP ऑथेंटिकेशन के जरिए नया मतदाता वोटर आईडी कार्ड को डाउनलोड कर सकता है और अपने मोबाइल या लैपटॉप में सेव कर सकता है। मौजूदा वोटर्स को चुनाव आयोग के सामने अपनी जानकारियों को दोबारा वेरिफाई करवाना होगा, ठीक वैसे ही जैसे हम बैंक KYC के दौरान देखते हैं. वोटर्स को अपना मोबाइल नंबर, ई-मेल देने के बाद उसी प्रक्रिया के तहत मोबाइल में वोटर आईडी कार्ड को डाउनलोड करने की सुविधा मिलेगी। हालांकि अभी तक ये सिर्फ एक विचार है, इस पर चुनाव आयोग की तरफ से शुरुआत नहीं हुई है।

कैसा होगा डिजिटल वोटर आईडी

अभी हमारेे पास जैसा वोटर आईडी कार्ड है, डिजिटल वोटर आईडी उससे काफी अलग हो सकता है। वो PDF फॉर्म में भी हो सकता है। इसमें QR कोड भी हो सकता है, जैसा कि आजकल ज्यादातर डॉक्यूमेंट्स में देखने को मिलता है. इस वोटर आईडी कार्ड को आसानी से मोबाइल में डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें वोटर की वो सभी जानकारियां होंगी जो फिजिकल फॉर्म वाले वोटर आईडी कार्ड में होती हैं. डिजिटल वोटर आईडी कार्ड में मतदाता की तस्वीर साफ होगी जिससे वेरिफिकेशन भी आसान होगा।